अकेले व्यक्ति के पीएफ खाते में 103 करोड़ रुपये, 1.23 लाख अकाउंट में 62,500 करोड़ रुपये जमा

नई दिल्ली : ऑनलाइन टीम – प्रोविडेंट फंड खाते में जमा रकम को लेकर ईपीएफओ की ओर से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं। मोटी सैलरी वाले सिर्फ 1.23 लाख लोगों के प्रोविडेंट फंड खाते में 62,500 करोड़ रुपये की राशि जमा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार सबसे ज्यादा योगदान देने वाले एक व्यक्ति के पीएफ खाते में तो 103 करोड़ रुपये जमा है। बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट प्रस्ताव के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते में किसी व्यक्ति का सालाना योगदान अगर 2.50 लाख रुपये से अधिक रहता है तो उसे अधिक राशि पर मिलने वाले ब्याज पर कर छूट नहीं मिलेगी।
वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू विभाग के सूत्रों के हवाले से PTI की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन खाते में योगदान करने वाले कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या में 4.5 करोड़ है। इनमें 0.3 फीसदी से भी कम यानी 1.23 लाख अकाउंट यानी मोटा वेतन पाने वालों के हैं। ये लोग अपने ईपीएफ अकाउंट में हर महीने एक बड़ी रकम जाम करते हैं।
अधिक ब्याज पाने वालों को कर के दायरे में लाने को वाजिब ठहराते हुए एक सूत्र ने कहा, ‘उच्च श्रेणी की आय वाले इन लोगों के पीएफ खाते में फिलहाल 62,500 करोड़ रुपये जमा हैं और सरकार उन्हें कर छूट के साथ 8 प्रतिशत का निश्चित रिटर्न दे रही है। यह लाभ उन्हें ईमानदार निम्न और मध्यम आय, वेतनभोगी और अन्य करदाताओं की कीमत पर मिल रहा है।’
टॉप 20 HNI के खातों में करीब 825 करोड़ रुपये जमा हैं, जबकि मोटी सैलरी पाने वाले टॉप 100 HNI के खातों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा हैं। सूत्र ने कहा कि बजट में किए गए प्रस्ताव का मकसद कंट्रीब्यूटर्स के बीच असामानता को दूर करना है और उन उच्च आय वर्ग के लोगों पर लगाम लगाना है जो निश्चित उच्च ब्याज दर के प्रावधान का लाभ लेने के लिए बड़ी राशि जमा कर रहे हैं और ईमानदार टैक्सपेयर्स के पैसे की कीमत पर गलत तरीके से कमाई कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ये HNI कंट्रीब्यूटर्स EPF खाताधारकों की कुल संख्या का 0.27 फीसदी हैं और उनका प्रति व्यक्ति औसत कॉर्पस 5.92 करोड़ रुपये है। वे टैक्स मुक्त निश्चित रिटर्न के साथ सालाना प्रति व्यक्ति 50.3 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं।