अमेरिका में 11 भारतीय छात्र गिरफ्तार, अवैध तरीके से रह रहे थे

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने अमेरिका में अवैध तरीके से रहने के मामले में कुल 15 विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 11 भारत के हैं। अधिकारियों ने कहा कि ये छात्र वैसी कंपनियों में काम करने का दावा कर रहे थे, जो कंपनी वास्तव में हैं ही नहीं। आव्रजन एवं सीमा शुल्क अधिकारियों ने इन विद्यार्थियों को बोस्टन, वाशिंगटन, ह्यूस्टन समेत कई अन्य शहरों से गिरफ्तार किया है। इनमें भारत के अलावा लीबिया के दो, सेनेगल का एक और बांग्लादेश का एक नागरिक है।

अधिकारियों के अनुसार इस विद्यार्थियों की गिरफ्तारी ऑप्टिकल इल्यूजन अभियान के तहत की गई है। इस अभियान के तहत वैसे गैरआव्रजक विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया जाता है, जो ऑप्टिकल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) कार्यक्रम का इस्तेमाल करके अमेरिका में बने रहते हैं। ऑप्टिकल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत गैर आव्रजक विद्यार्थियों को एक साल तक उनके शिक्षा से जुड़े क्षेत्र में काम करने की अनुमति दी जाती है। वहीं उन्हें इस एक साल के अलावा 24 महीने तक देश में काम करने की अनुमति भी दी जाती है, बशर्ते विद्यार्थी एसटीईएम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) वैकल्पिक प्रैक्टिकल प्रशिक्षण में हिस्सा लें, मगर ये छात्र वैसी कंपनियों में काम करने का दावा कर रहे थे, जो कंपनी वास्तव में हैं ही नहीं।

बता दें कि एच-1बी गैर-आव्रजक वीजा है। इसमें अमेरिकी कंपनियां विशेषज्ञता वाले स्थानों पर विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति कर सकती हैं। भारत और चीन से हर साल हजारों कर्मचारी इस वीजा पर अमेरिका में नौकरी करने जाते हैं। अमेरिका में तकरीबन एक लाख 32 हजार भारतीय छात्र पढ़ते हैं और यह वहां पढ़ने वाले विदेशी छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है। भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की कुल संख्या का करीब 13 प्रतिशत हैं। अमेरिका में करीब 13 लाख विदेशी छात्र पढ़ते हैं।

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