पुणे जिले में फंसे 1500 मजदूर; गांव जाने देने की मनपा ने की सरकार से मांग

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पुणे/पिंपरी। पोलिसनामा ऑनलाइन – गत दिन मुंबई के बांद्रा में हुए भीड़काण्ड के बाद सकते में आये पुणे मनपा के प्रशासन ने राज्य सरकार से जिले में फंसे दूसरे जिलों और राज्यों के मजदूरों को उनके मूल गांव जाने देने की अनुमति मांगी है। मनपा के मुताबिक जिले में दूसरे जिलों के करीब एक हजार और दूसरे राज्यों के करीबन 500 कुल 1500 मजदूर फंसे पड़े हैं। उनके भोजनादि का प्रबंध करने में मनपा की यंत्रणा पर भार पड़ रहा है। ऐसे में या तो उन्हें उनके गांव जाने दिया जाय या फिर उन्हें कंस्ट्रक्शन साइट पर रखने की अनुमति दी जाय, यह प्रशासन का कहना है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों का लॉक डाउन समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक लॉक डाउन के दूसरे चरण की घोषणा की है। इस बार लॉक डाउन को लेकर सख्ती भी बढ़ा दी गई है। पुणे में कोरोना के बढ़ते मरीजों के चलते लोगों में भय व्याप्त है। इन दिनों रेलवे, बस, विमान हर प्रकार की यातायात सेवा बंद है। नतीजन कामकाज ठप्प होने से पुणे जिले में करीबन 1500 मजदूर फंसे हैं। उनके भोजनादि का प्रबंध करने में मनपा की यंत्रणा पर भार बढ़ रहा है। इन मजदूरों द्वारा लगातार अपने मूल गांव जाने देने की मांग की जा रही है। इसके चलते प्रशासन ने मजदूरों को उनके गांव जाने देने की अनुमति देने की मांग राज्य सरकार से की है।
मजदूर नेता भोसले ने भी दोहराई मांग
यहां राष्ट्रीय श्रमिक आघाडी के अध्यक्ष यशवंत भोसले ने भी राज्य सरकार से पिंपरी चिंचवड़ की औद्योगिक नगरी में फंसे मजदूरों को उनके गांव- घर जाने देने की अनुमति देने की मांग की है। उन्होंने एक बयान के जरिए कहा है कि लॉक डाउन के चलते सरकार ने मजदूरों को जहां हैं वहीं रहने के आदेश दिए हैं। मगर पास के पैसे खत्म होने और नौकरी न रहने से मजदूर अपने गांव जाना चाह रहे हैं। इन मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद सोशल डिस्टन्टिंग का कड़ाई से पालन करते हुए उन्हें बस, रेलवे की सुविधा उपलब्ध कराकर उनके गांव घर भेजने म प्रबंध किया जाना चाहिए। इससे बीमारी फैलने का खतरा कम होने के साथ ही सरकार और प्रशासन पर बढ़ रहे भार को भी कम करने में मदद मिलेगी।
विपक्षी नेता नाना काटे ने जताई चिंता
पिंपरी चिंचवड मनपा में विपक्षी दल के नेता नाना काटे ने भी लॉक डाउन बढ़ने से शहर में बड़ी संख्या में रहे दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों के प्रति चिंता जताई है। मनपा द्वारा अपने गांव जाने की तैयारी में रहे मजदूरों के लिए शेल्टर होम्स में रहने व भोजनादि का प्रबंध किया है। मगर शहर में दिहाड़ी मजदूरों की संख्या ज्यादा है। लॉक डाउन में सभी उद्योग व्यवसाय बन्द रहने से उनकी रोजी रोटी छीन गई है। लॉक डाउन बढाये जाने से इन लोगों पर भुखमरी का सामना करने की नौबत आ सकती है। हालांकि मनपा, स्थानीय नगरसेवकों व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा अब तक उनकी मदद की जा रही है। इन लोगों की सहायता के बारे में पूछताछ करने पर मनपा की हेल्पलाइन पर संपर्क करने को कहा जा रहा है। गरीब, अशिक्षित लोग हेल्पलाइन का इस्तेमाल नहीं कर सकते। ऐसे में स्थानीय नगरसेवकों के साथ समन्वय बनाकर इन मजदूरों के राशन या भोजनादि का प्रबंध करने की मांग काटे ने की है।
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