भारत के वो 2 शहर जहां नहीं मनाया जाता 15 अगस्त, जानें वजह

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नई दिल्ली : पुलिसनामा ऑनलाइन – देश में 26 जनवरी और 15 अगस्त जहां बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं इसी दिन देश में दो ऐसे शहर हैं, जहां 15 अगस्त यानि की स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में हमारे देश के स्कूल कॉलेज सरकारी दफ्तर आदि जगहों पर तिरंगा फहराया जाता है। इसी दिन देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। लेकिन इन दो शहरों में इस दिन 15 अगस्त नहीं मनाया जाता है।

इन दो शहरों में नहीं मनाया जाता 15 अगस्त –
पश्चिम बंगाल में एक ऐसी जगह है, जहां 15 अगस्त के दिन कोई जश्न नहीं होता है। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित रामघाट और कृष्णानगर ये दो ऐसे शहर हैं, जहां 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है बल्कि यहां पर 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता हैं 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस –
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तब इन दो शहरों को पाकिस्तान में शामिल किया गया था, लेकिन यहां के लोगों ने पाकिस्तान में शामिल होने का विरोध किया। ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि यहां ज्यादातर हिंदू थे। हिंदू बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से लोगों ने इस बंटवारे का काफी विरोध किया। जिसके बाद यहां के लोगों को 18 अगस्त 1947 को भारत में शामिल कर लिया गया था।

बता दें कि शुरुआत में यहां के लोगों को 18 अगस्त के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं थी क्योंकि 2002 से पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराने का कानून था। इस कानून के तहत आम नागरिक 23 जनवरी, 26 जनवरी और 15 अगस्त के अलावा कभी भी झंडा नहीं फहरा सकते थे। इसके बाद स्वतंत्रता सेनानी प्रमथनाथ शुकुल के पोते अंजन शुकुल ने 15 अगस्त के बदले 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने का आंदोलन शुरू किया। काफी लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 1991 में केंद्र सरकार ने यहां के लोगों को 18 अगस्त के दिन झंडा फहराने की अनुमति दे दी।

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