AIIMS में 5000 नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर, मरीजों की जिंदगी पर एक-एक पल भारी

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : कोरोनाकाल में जहां एक-एक पल भारी पड़ रहा है और चिकित्साकर्मियों की कमी तो कहीं-कहीं जान पर बन आ रही है, वहीं एम्स जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल में करीब पांच हजार नर्सिंग स्टाफ सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है। एम्स के पांच हजार नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने की वजह से एक भी डिपार्टमेंट में नर्स नहीं है। ऐसे में गंभीर मरीज केवल डॉक्टर और परिजन के सहारे ही हैं। अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो कई मरीजों की जिंदगी पर यह हड़ताल भारी पड़ सकती है।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्सिंग स्टाफ से अपील है कि वह काम पर वापिस लौट आएं। उन्होंने कहा हम उम्मीद करते हैं कि जैसे फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने कहा था कि सच्चे नर्स कभी अपने मरीजों को नहीं छोड़ते वैसे ही एम्स के सच्चे नर्स अपने मरीजों को नहीं छोड़ेंगे। वहीं एम्स नर्सिंग यूनियन के प्रेजिडेंट हरीश काजला का कहना है कि एम्स प्रशासन हमारे साथ उचित व्यवहार नहीं कर रहा है। हमारी करीब 23 मांगें हैं, जिनमें कुछ प्रमुख मांग छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना और कई साल से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहीं नर्सेज को पक्का करना शामिल है।
#WATCH Members of AIIMS Nurses Union in Delhi sit on an indefinite strike over redressal of their demands, including that related to 6th Central Pay Commission pic.twitter.com/pHG1k3vVaI
— ANI (@ANI) December 15, 2020
काफी लंबे समय से नर्सेज की मांगें अधर में लटकी पड़ी हैं। पिछले महीने 10 नवंबर को सभी नर्सेज की मीटिंग हुई और 13 नवंबर को यह फैसला लिया गया कि 16 दिसंबर से एम्स का पूरा नर्सिंग स्टाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगा। एम्स प्रशासन तक भी यह बात पहुंचा दी गई थी, लेकिन उसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। अब जब 16 दिसंबर नजदीक आ रहा था तो एम्स प्रशासन ने दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट पर नई नर्सेज की भर्ती शुरू कर दी, जिसके चलते हमें मजबूरन सोमवार से ही हड़ताल करनी पड़ी।
नर्सेज के मुताबिक उनकी हमारी यूनियन प्रशासन से बात करने के लिए तैयार है। हमें मरीजों को हो रही परेशानी को लेकर दुख है, लेकिन हम मजबूर हैं। हमने एक महीने पहले हड़ताल का नोटिस दिया था, लेकिन हमारी मांगों की नजरंदाज कर दिया गया।