मोदी सरकार के 6 साल की 6 बड़ी उपलब्धियां…देश में विरोधियों की बोलती बंद, दुनिया में भारत का लहराया परचम

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन –  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल और कुल मिलाकर अपने कार्यकाल के छह साल पूरे कर लिए हैं। पूर्ण बहुमत की बीजेपी सरकार ने अपने छह साल के कार्यकाल के दौरान कई ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जो सीधे तौर पर पार्टी और केंद्रीय नेतृत्व की इच्छाशक्ति को जाहिर करती हैं।

1. धारा 370 में संशोधन : भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से ही आर्टिकल 370 और 35 A के तहत कश्मीर को दिए गए विशेष प्रावधान हमेशा से विवाद का विषय रहे हैं। इसी कश्मीर के लिए बीजेपी की पैतृक पार्टी जनसंघ के पितृ पुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नारा दिया कि एक देश में एक विधान और एक संविधान होना चाहिए। मई 2019 में जब नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और अमित शाह के रूप में देश का नया गृहमंत्री तय हुआ तो उसके कुछ ही महीने बाद कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर दिया गया।

2. पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक : 18 सितंबर, 2016 को उड़ी पर आतंकी हमला हुआ तो मोदी सरकार की राजनैतिक इच्छाशक्ति ही थी कि उसने हमारे जवानों को सरहद पार करके पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक करने का आदेश दिया। 28 सितंबर, 2016 को भारत के कमांडोज सीमा पार गए, पीओके में बने आतंकियों के लॉन्च पैड तबाह किए और फिर वापस लौट आए। इतना ही नहीं, जब 14 फरवरी, 2019 को बालाकोट में आतंकी हमला हुआ और सीआरपीएफ के हमारे 40 जवान शहीद हुए तो मोदी सरकार ने फिर से इसका बदला दिया।

3. तीन तलाक का खात्मा : मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही अल्पसंख्यकों के हितों से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया और एक झटके में तीन तलाक को खत्म कर दिया। पीएम मोदी दोबारा सत्ता में आए तो पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019’ को पास करवा दिया गया। राष्ट्रपति राम नाम कोविंद के हस्ताक्षर के बाद ये अध्यादेश कानून बन गया और फिर 1 अगस्त 2019 से देश में एक झटके में तीन बार तलाक-तलाक-तलाक कहना कानूनन अपराध हो गया।

4. अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नई उड़ान : 2014 में जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, विपक्ष उनकी एक बात के लिए लगातार आलोचना करता रहा, मगर पीएम मोदी के अंतरराष्ट्रीय दौरों का ही नतीजा है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। इसी का नतीजा है कि पाकिस्तान के ऐतराज के बाद भी मार्च 2019 में मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गनाइजेश ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन ने भारत को मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया था। जब धारा 370 हटाने का फैसला हुआ तो पाकिस्तान के ऐतराज के बाद भी कोई मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़ा नहीं हो पाया। अमेरिका के साथ भी पीएम मोदी ने अपने रिश्ते मजबूत किए। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का ही नतीजा है कि पूरी दुनिया के प्रतिनिधि संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी है।

5. गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान : 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने ओबीसी आरक्षण को मंजूरी दी थी। ये पूरे देश की राजनीति को नई दिशा में ले जाने वाला फैसला था। इस फैसले का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल में ये इच्छाशक्ति नहीं थी कि वो आरक्षण को लेकर कोई नया फैसला कर सके। मोदी सरकार जब अपने पहले कार्यकाल के आखिरी चरण में थी, तो उसने सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया। जनवरी, 2019 में लिए गए इस फैसले ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के रास्ते को तय करने में अहम भूमिका निभाई थी।

6. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता संशोधन कानून को मंजूरी दी गई। ये एक ऐसा फैसला था, जिसके खिलाफ पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हुए। इस फैसले के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक यानि कि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई के लिए नागरिकता के नए प्रावधान तय किए गए। 10 जनवरी, 2020 को इस कानून के लागू हो जाने से तीन देशों के इन छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नागरिकता हासिल करना आसान हो गया। नागरिकता के नए प्रावधानों में मुस्लिम का जिक्र नहीं था, जिसका व्यापक पैमाने पर विरोध हुआ।

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