एक भारत के नाम अनेक…कंन्फ्यूजन दूर करने सुप्रीम कोर्ट में याचिका, होने वाली है सुनवाई

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – दिल्ली के रहने वाले नमह नाम के शख्स ने याचिका लगाई है कि देश का अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ से बदलकर ‘भारत’ कर देना चाहिए। नमह ने संविधान के अनुच्छेद 1 में बदलाव की मांग की है, जिसमें देश को अंग्रेजी में INDIA और हिंदी में भारत नाम दिया गया था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की गैर-मौजूदगी में जस्टिस एएस बोपन्ना याचिका पर सुनवाई करेंगे।

अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक है : सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाले नमह ने कहा कि देश का नाम भारत करने से लोगों में राष्ट्रीय एकता की भावना मजबूत होगी। INDIA नाम हटाने में नाकामी अंग्रेजों की गुलामी की प्रतीक है। प्राचीन समय से ही देश भारत के नाम से जाना जाता रहा है। अंग्रेजों की 200 साल की गुलामी के बाद मिली आजादी के बाद अंग्रेजी में देश का नाम INDIA कर दिया गया। इतिहास को भुलाना नहीं चाहिए।

ऐसा क्यों : याचिकाकर्ता ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी खुद कहते हैं ‘एक आवाज, एक देश, तो फिर एक देश के इतने नाम क्यों, जैसे रिपब्लिक ऑफ इंडिया, भारत, इंडिया, भारत गणराज्य वगैरह। अलग कागज पर अलग नाम है। आधार कार्ड पर ‘भारत सरकार’ लिखा है, ड्राइविंग लाइसेंस पर ‘यूनियन ऑफ इंडिया, पासपोर्ट्स पर ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’, इससे कन्फ्यूजन होती है। नाम एक ही होना चाहिए।

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