करीब 54 साल पहले ही हैंड सेनिटाइज़र का हो गया था आविष्कार, अब यह कोरोना वायरस से बचा रहा जिंदगी

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – दुनिया भर में तबाही मचा रहा कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत सहित दुनिया भर के कई देश नए आविष्कार करने में जुटा है. लॉकडाउन में घरो में बंद लोगों को बार-बार साबुन से हाथ धोने और सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। लेकिन आपको शायद मालूम न हो कि हैंड सेनिटाइज़र का इस्तेमाल 54 सालों से होता आ रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार सबसे पहले इसका आईडिया साल 1966 में अमेरिका राज्य कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड शहर में रहने वाली एक महिला को आया था. उसका नाम ल्यूप हर्नांडीज़ था. वह नर्सिंग की छात्रा थी। एक दिन उसके दिमाग में आया कि मरीज के पास जाने या उसके पास से आने के बाद हाथ साफ करने के लिए साबुन और पानी न हो तो क्या होगा ? उसके बाद उसके दिमाग में बिना पानी के इस्तेमाल हो सकने वाले साबुन का ख्याल आया और उससे कीटाणु भी मर जाए। इसके बाद उन्होंने एक अल्कोहल युक्त जेल बनाया और उसे अपने हाथो में रगड़ कर जांच किया कि उससे क्या फायदा होता है। इससे हाथो से किटाणुओ का सफाया हो गया और पानी की तरह उसे सुखाने की जरुरत भी नहीं पड़ी. इसके बाद उसका यह अविष्कार दुनिया भर में फ़ैल गया. उनके बारे में आज किसी को मालूम नहीं है कि वह जिन्दा भी है या नहीं। आज दुनिया हैंड सेनिटाइज़र के रूप में उन्हें याद कर रहा है और उनके प्रति शुक्रिया अदा कर रहे है।

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