आदित्य ठाकरे ने अंतिम वर्ष की परीक्षा में यूजीसी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में की दायर
मुंबई : ऑनलाइन टीम – महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन के फैसले को चुनौती दी गई। कोर्ट ने अभी तक सुनवाई के लिए याचिका दाखिल नहीं की है। युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने कोरोना वायरस के दौरान परीक्षा रद्द करने के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के फैसले का समर्थन किया था। इसी तरह उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने स्पष्ट किया था कि सरकार परीक्षा देकर 9 लाख छात्रों के जीवन को खतरे में डालना उचित नहीं समझती है।
Maharashtra Minister Aaditya Thackeray files a petition before Supreme Court challenging the decision of University Grants Commission (UGC) to conduct final year examinations. Court has not yet admitted the petition for hearing. (file pic) pic.twitter.com/DBv2gI20j2
— ANI (@ANI) July 18, 2020
यूजीसी ने कहा था कि परीक्षा के संचालन की स्थिति को सूचित करने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया था। 755 विश्वविद्यालयों (120 डीम्ड, 274 निजी, 40 केंद्रीय और 321 राज्य) से प्रतिक्रिया मिली। इनमें से 194 पहले ही परीक्षा करवा चुके हैं और 366 अगस्त / सितंबर में परीक्षा आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। यूजीसी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर अपने संशोधित दिशा-निर्देशों के पालन होने की जानकारी दी। यूजीसी की रिलीज में बताया गया है कि उन्होंने देश में सभी यूनिवर्सिटी (डीम्ड, निजी और सरकारी) से दिशा-निर्देशों पर की गई कार्रवाई को लेकर संपर्क किया था और उसे 755 विश्वविद्यालयों से जवाब मिला है। यूजीसी के मुताबिक, उसे 120 डीम्ड, 274 निजी, 40 केंद्रीय और 321 राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों से जवाब मिला है, जिनमें से 194 ने अभी तक इन परीक्षाओं को पूरा कर लिया है। वहीं 366 अन्य यूनिवर्सिटी अगस्त या सितंबर में इन्हें आयोजित करने की योजना बना रही हैं।
कोरोना वायरस महामारी के कारण देशभर में स्कूल से लेकर कॉलेज स्तर तक परीक्षाएं प्रभावित हुई थीं। स्कूलों में तो बोर्ड परीक्षाएं तक रद्द कर दी गई थीं, लेकिन केंद्र सरकार ने यूनिवर्सिटी में अंतिम साल या सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला किया था। 6 जुलाई को यूजीसी ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके तहत सभी यूनिवर्सिटी में 30 सितंबर से पहले अंतिम साल या सेमेस्टर की परीक्षाओं को पूरा करने का निर्देश दिया गया था। इसके खिलाफ लगातार छात्र अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।