अमित शाह पहुंचे विवेकानंद के घर, कहा-दुनिया को ज्ञान देने की ताकत इस मिट्टी में है 

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कोलकाता. ऑनलाइन टीम : ममता और केंद्र की राजनीतिक लड़ाई रोज नए तेवर में सामने आ रही है। अपने ही नेताओं के टूटकर भाजपा में जाने के कयासों के बीच ममता बनर्जी घायल शेरनी की तरह आक्रमण कर रही हैं। दूसरी तरफ, लोकसभा चुनाव में सफलता मिलने के बाद से ही भाजपा आक्रामक मूड में है। उसे लग रहा है कि और अधिक मेहनत करने पर 2021 में ममता बनर्जी को उसी तरह से सत्ता से बाहर किया जा सकता है, जिस तरह से कभी 2011 में ममता बनर्जी ने लेफ्ट को किया था। रणनीतियों के तहत भाजपा के नेता बंगाल का लगातार दौरा कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय बंगाल दौरे के पहले दिन उत्तर कोलकाता स्थित स्वामी विवेकानंद के पैतृक निवास पहुंचे।

उन्होंने शनिवार को विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के अलावा उनके निवास के भीतर मौजूद म्यूजियम को भी देखा और कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि वह उस जगह पहुंचे हैं, जहां न केवल भारत, बल्कि विश्व भर के लिए चेतना जागृत हुई थी। भारत की आकाशगंगा के सबसे चमकते सितारे ने विश्व भर को सनातन धर्म की व्याख्या से परिचित कराया था। उन्होंने कहा- स्वामी विवेकानंद ने ही कहा था कि भारत मां की आराधना करें। आज वह यहां से नयी चेतना लेकर जा रहे हैं। विवेकानंद के पैतृक मकान में स्थित पूजा घर में भी अमित शाह पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।
अमित शाह जब उत्तर कोलकाता के शिमला स्ट्रीट स्थित स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास पहुंचे, तो उनके साथ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी थे। गृह मंत्री के आगमन से पहले स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को फूल-माला से सजाया गया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नेताओं की यह उपस्थिति तो मात्र बहाना है। दरअसल, दोनों दलों के बीच घट रहे फासले ने ही राज्य में सियासी लड़ाई को तेज कर दिया है। यही वजह है कि भाजपा और टीएमसी के लिए राज्य में लड़ाई प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है। अब देखना है कि अगला पैंतरा किस तरफ से आजमाया जाएगा।

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