इसलिए प्रमाणपत्र की जरुरत होती है ; अमृता फडणवीस का मुख्यमंत्री ठाकरे पर जोरदार हमला

October 14, 2020

मुंबई, 14 अक्टूबर – मंदिर खोलने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच लेटर वॉर जारी है। हिंदुत्व की याद कराने वाले राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने जबाव देते हुए कहा है कि, ‘ मेरे हिंदुत्व को किसी के प्रमाण पत्र की जरुरत नहीं है । ‘ इसके बाद राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के संघर्ष पर प्रतिक्रिया आना जारी है। इस पर विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने ट्वीट किया है। अमृता फडणवीस ने ठाकरे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘ वाह प्रशासन ! बार और शराब की दुकानें खुली है । लेकिन मंदिर डेंजर ज़ोन में है क्या ? कुछ लोग नियामवली लागू करने में असमर्थ साबित होते है, उस वक़्त उन्हें प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती है। अब इस पर शिवसेना का क्या बयान आता है? ये देखना महत्वपूर्ण होगा।

मुख्यमंत्री वर्सेज राज्यपाल : जोरदार सामना
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा था कि आप कट्टर हिंदुत्ववादी है। प्रभु श्रीराम के प्रति आपने अपनी श्रद्धा खुलेआम दिखाई हैं । राज्य का मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के बाद आप अयोध्या जाकर प्रभु श्रीराम के दर्शन भी किये। साथ ही आसाढ़ी एकादशी के दिन पंढरपुर में विट्ठल मंदिर भी गए थे। मंदिरों को बंद रखने के लिए आपको दैवीय संकेत मिल रहा है क्या? जिस सेक्युलर शब्द का आप तिरस्कार करते थे उस सेक्युलर शब्द को आपने स्वीकार कर लिया है क्या ?

मेरे हिंदुत्व को आपके प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं
राज्यपाल के सवाल का जबाव देते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे हिंदुत्व को आपके प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं है। साथ ही किसी से सिखने की भी मुझे जरुरत नहीं है। उद्धव ठाकरे ने तीखा हमला करते हुए कहा कि महाराष्ट्र अथवा राज्य की राजधानी को पाक व्याप्त कश्मीर कहने वाले को हंसते-खेलते घर में स्वागत करने वाले को मेरा हिंदुत्व समझ नहीं आ रहा है। मंदिर बंद रखने के मुद्दे पर राज्यपाल के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपके मन में ऐसा सवाल क्यों है ? आपको ऐसी बातों का अनुभव होगा। लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं। केवल धर्मस्थल खोलने से हिंदुत्व और नहीं खोलने पर सेक्युलर कहना आपकी सोच है क्या ? अपने राज्यपाल पद की शपथ जिस संविधान के तहत लिया है । उस संविधान का महत्वपूर्ण हिस्सा सेक्युलर है। जो आपको मंजूर नहीं है।

देवेंद्र फडणवीस : मुख्यमंत्री की भाषा दुर्भाग्यपूर्ण
इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना खुद को हिंदुत्ववादी पार्टी बताती है। लेकिन उनकी सत्ता में मंदिरों पर अन्याय हो रहा है। यह आश्चर्यजनक है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को जिस भाषा में पत्र भेजा है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
बाबासाहेब थोरात : उनकी भाषा संविधान के खिलाफ प्रदेशाध्यक्ष और राजस्व मंत्री बाबासाहेब थोरात ने कहा कि राज्य के धर्मस्थल शुरू करने को लेकर राज्यपाल दवारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र की भाषा सविधान के खिलाफ है। राष्ट्रपति को यह मंजूर है क्या ?

संजय राऊत : हमारा हिंदुत्व पक्का है
इस मामले में सांसद संजय राऊत ने कहा कि उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व का सहारा लेने की जरुरत नहीं है। हमारा हिंदुत्व पक्का है और अपने पैरों पर खड़े है। हमारी आत्मा हिंदुत्व की है। पवार ने प्रधानमंत्री पर जताई नाराजगी मुख्यमंत्री को राज्यपाल दवारा लिखे गए पत्र की भाषा पर शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नाराजगी जाहिर की है। पवार ने कहा कि सभी धर्मों को समान न्याय देने वाले धर्मनिरपेक्ष संविधान देश को स्वीकार है। संविधान के सिद्धांतों का सम्मान होना चाहिए। राज्यपाल पद की प्रतिष्ठा कम हुई है। राज्यपाल के पत्र की भाषा पर आपने ध्यान दिया होगा। पत्र की भाषा, आशय दोनों संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देती है।