Anil Deshmukh Corruption Case | देशमुख मामले में CBI जांच का दायरा आगे बढ़ाए : हाईकोर्ट

मुंबई (Mumbai News) : ऑनलाइन टीम – उच्च न्यायालय (High Court) ने बुधवार को सीबीआई (CBI) को पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh Corruption Case) के खिलाफ दर्ज मामले की जांच को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि देशमुख (Anil Deshmukh Case) के खिलाफ आरोपों की प्रारंभिक जांच करने के उच्च न्यायालय (High Court) के आदेश का कोई मतलब है तो प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका का पता लगाएं। ऐसा न्या. एस. एस. शिंदे (Justice. s. s. Shinde) व न्या. एन. जे. जमादार (Justice. N. J. Jamadar) की पीठ ने कहा।
अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने 24 अप्रैल को सीबीआई (CBI) द्वारा दायर मामले को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय (High Court) में एक याचिका दायर की है। 5 अप्रैल को अदालत (Court) के आदेश के अनुसार, सीबीआई (CBI) ने प्रारंभिक जांच की और देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ मामला दर्ज किया। मार्च में, मुंबई (Mumbai) के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक पत्र लिखकर जेल में बंद पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े (Sachin Vaze) से बार और रेस्तरां मालिकों से 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था।
अदालत (Court) ने कहा कि हम जांच करने का आदेश दे रहे है। प्रशासन प्रमुख निर्दोष होने का दावा नहीं कर सकता। क्योंकि इसके लिए प्रशासन का मुखिया भी उतना ही जिम्मेदार होता है। मंत्री ने भले ही सचिन वाजे (Sachin Vaze) को बहाल करने का आदेश दिया हो, लेकिन क्या इतना ऊंचा पद संभालने वाला व्यक्ति अपने कर्तव्यों को पूरा किए बिना ही अपने आदेशों का पालन करता है?’,
हमें उम्मीद है कि सीबीआई (CBI) अपनी जांच का दायरा बढ़ाएगी।
हमें उम्मीद है कि सीबीआई को अब तक पता चल जाएगा कि
साजिशकर्ता कौन हैं।
कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की है।
सचिन वाजे को भर्ती करने वाली समिति के सदस्यों का नाम भी
आरोपियों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
हम अब किसी का नाम नहीं लेते। कोर्ट ने सवाल किया कि
15 साल बाद पुलिस (Police) में भर्ती किसने की।
इस पर सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी (aman lekhi) ने कहा कि
सीबीआई समझ गई है कि साजिशकर्ता कौन हैं।
सीबीआई (CBI) की जांच व्यापक है और किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
देशमुख की ओर से वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने अदालत को बताया
कि सीबीआई के पास देशमुख (Anil deshmukh) के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
पूरी एफआईआर (FIR) के दौरान सीबीआई ने कहा है कि
कैसे देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया।
लेकिन कोई सबूत नहीं है।