राज्यपाल नियुक्त सीटों के लिए एकनाथ खड़से का नाम विवाद में पड़ा; क्या विधायकी नकारी जाएगी ?
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मुंबई, 2 नवंबर – भाजपा को राम-राम कहकर राष्ट्रवादी कांग्रेस में प्रवेश करने वाले एकनाथ खड़से के फिर से मुश्किल में आने की संभावना है। राज्यपाल नियुक्त 12 सीटों के लिए एकनाथ खड़से का नाम राष्ट्रवादी की तरफ से भेजने की चर्चा है। इस चर्चा के बीच सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात कर खड़से के नाम का विरोध किया है।
सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मीडिया में राज्यपाल नियुक्ति के लिए 12 नाम भेजे गए है। इनमें से एक नाम एकनाथ खड़से का है। खड़से का नाम आना दुखदाई है। भ्रष्टाचारी नेता को फिर से राष्ट्रवादी ने लाया है। इसके विरोध में मैंने राज्यपाल को ज्ञापन दिया है । भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में खड़से जैसे नेता फिर से राजनीति में सक्रिय हो गए तो कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसलिए मैंने निवेदन और डाक्यूमेंट्स राज्यपाल को दिए है ।
उन्होंने राष्ट्रवादी में प्रवेश के वक्त जिस शब्द का इस्तेमाल किया,’ बाई नहीं दी तो पीछे लग गई।’ यह बयान शरद पवार, गृहमंत्री अनिल देशमुख और सुप्रिया सुले के होते हुए दिया था। एकनाथ खड़से कोई कोई शर्म आई क्या ? उनके इस बयान के बाद मैंने शरद पवार, सुप्रिया सुले को मैसेज किया। शरद पवार का फ़ोन आया और उनका बचाव करते हुए कहा कि खड़से ने आपका नाम नहीं लिया। लेकिन मेरा छोड़े किसी भी बाई को लेकर इस तरह का बयान देना सही है क्या ? आज तक एकनाथ खड़से के बयान पर पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की है। ऐसे में भविष्य में कोर्ट में इसकी लड़ाई लड़ूंगी। राज्यपाल को और कुछ सबूत देना है।
क्या कहा था एकनाथ खड़से ने
उन्होंने कहा था कि एक महिला ने छेड़छाड़ का झूठी शिकायत मेरे खिलाफ लगाई थी। अंजलि दमानिया ने मुझ पर यह आरोप लगाया। इसके बाद सांताक्रुज पुलिस स्टेशन जाकर रात भर हंगामा किया। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री के कहने पर मेरे खिलाफ केस दर्ज किया गया। वहां के पुलिस इंस्पेक्टर ने मुझे यह जानकारी दी। खुद मुख्यमंत्री ने केस दर्ज करने के लिए कहा। इसके बाद मैं मुख्यमंत्री के पास गया। उनसे इस संदर्भ में पूछा। तो उन्होंने बताया कि महिला ने रातभर हंगामा किया इस लिए केस दर्ज करना पड़ा। उन्होंने कहा कि केस वापस ले लेते है। इस मामले में मेरी बदनामी हुई । मेरी राजनीति रसातल में चली गई। इसलिए मैंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।