अर्णब गोस्वामी : शिवसेना का भाजपा पर निशाना; मराठी मानुष मरे तो भी चलेगा, लेकिन खुद का बेटा नहीं

मुंबई, 5 नवंबर – महाराष्ट्र में आपातकाल जैसी स्थिति निर्माण होने का आरोप भारतीय जनता पार्टी ने लगाया है। इसमें दिल्ली सरकार के अनुभवी शामिल हो जाए तो आश्चर्य नहीं। अर्णब गोस्वामी को एक प्राइवेट मामले में गिरफ्तार किया गया है । इसका राजनीति और पत्रकारिता से संबंध नहीं है। गोस्वामी ने तिलक-आगरकर की तरह सरकार के खिलाफ आवाज उठाई इसलिए सरकार ने उन्हें पकड़ा है, ऐसा नहीं है। दो साल पहले अलीबाग निवासी अन्वय नाईक और उनकी मां की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार किया गया है।
नाईक ने मौत से पहले जो पत्र लिखा उसमे गोस्वामी के साथ हुए आर्थिक लेनदेन, ठगी के संबंध में है। इसकी तनाव में नाईक और उनकी मां ने आत्महत्या कर ली। लेकिन इससे पहले की सरकार ने गोस्वामी को बचाने के लिए सभी मामले को दबा दिया। इसके लिए पुलिस और कोर्ट पर दबाव बनाया गया। पति के मौत की जांच करने का आवेदन नाईक की पत्नी ने पुलिस और कोर्ट में दिया था। कानून के हिसाब से जो हो सकता है वही किया गया है। यह सफाई सामना के लेख में किया गया है।
सामना में लिखा है कि गुजरात में सरकार के खिलाफ लिखने वाले संपादक की गिरफ़्तारी हुई है। उत्तर प्रदेश में जब पत्रकारों ओर करवाई हुई तो आपातकाल की स्थिति पैदा नहीं हुई। महाराष्ट्र में भाजपा को अन्वय नाईक को न्याय मिले इसके लिए विवाद करना चाहिए। वे मराठी मिट्टी के बेटे थे। लेकिन भाजपा सब भूल गई है। मराठी मानुष मरे तो चलेगा लेकिन खुद के लोग सोने की चम्मच में दूध पीते रहे। ऐसी भाजपा की पॉलिसी है।