अर्णब को जारी ‘कारण बताओ नोटिस’ पर 6 नवंबर को SC में होगी सुनवाई
नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में छह नवंबर को सुनवाई होगी। महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर कार्यवाही शुरू करने के लिए उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसे उन्होंने चुनौती दी है।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने रिपब्लिक टेलीविजन के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया है। यह नोटिस विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना सदन की कार्यवाही की प्रति उच्चतम न्यायालय में जमा करने के मामले में दी गई है। विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने पेश किया था। उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले पर प्रस्तुत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य मंत्रियों को संबोधित करने के तरीके पर आपत्ति जताई थी।
सुप्रीम कोर्ट में अर्णब की ओर से उनके अधिवक्ता ने कहा, ‘हमें पता चला है कि अब विशेषाधिकार समिति का गठन किया गया है और अध्यक्ष की ओर से नोटिस जारी किया गया है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन की पीठ ने कहा, ‘‘विधानसभा द्वारा सम्मन किये जाने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकन अगर विशेषाधिकार समिति कोई कार्रवाई करती है तो आप उसे चुनौती दे सकते हैं। मामले को छह नवंबर, 2020 को सूचीबद्ध किया जाए। इस बीच, याचिकाकर्ता (अर्णब गोस्वामी) को आवश्यक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने 30 सितंबर को न्यायालय से कहा था कि अर्णब गोस्वामी ने विधानसभा की किसी समिति या विधानसभा की कार्यवाही में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया है।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु मामले में उनके कार्यक्रम में बहस के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर की गई टिप्पणियों को लेकर अर्णब गोस्वामी को यह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक को विधानसभा में पांच नवंबर को बुलाया गया है। अर्णब की याचिका पर न्यायालय ने 30 सितंबर को महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था।