उस वक़्त संभाजी छत्रपति ने संसद में मुंह क्यों नहीं खोला ? कोलसे-पाटिल का सवाल

May 29, 2021
पुणे, 29 मई : मराठा आरक्षण के मुद्दे पर पूर्व न्यायाधीश बी जी कोलसे-पाटिल ने भाजपा सांसद संभाजीराजे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जिस वक़्त संसद में 102वी संवैधानिक संसोधन किया गया। उस वक़्त संभाजीराजे संसद में थे। तब उन्होंने मुंह क्यों नहीं खोला ?
बी जी कोलसे-पाटिल ने एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए यह सवाल किया है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण मिलना ही चाहिए। मराठा समाज को आरक्षण देना केंद्र सरकार के हाथ में है। यह कहते हुए सवाल किया की जिस वक़्त संसद में 102वी संवैधानिक संसोधन किया गया। उस वक़्त संभाजीराजे संसद में थे। तब उन्होंने मुंह क्यों नहीं खोला ?
आरक्षण को लेकर राजनीतिक खेल
उन्होंने कहा कि राज्य में फ़िलहाल आरक्षण के मुद्दे पर केवल राजनीतिक खेल खेला जा रहा है। संभाजीराजे जिस मांग की बात कर रहे है उससे केवल मराठा के नाम पर राजनीति की जा रही है. यह आरोप कोलसे-पाटिल ने लगाया है।
संभाजीराजे के तीन विकल्प
संभाजीराजे ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान राज्य सरकार से पांच मांगें करते हुए मराठा आरक्षण के मुद्दे के निबटारे के लिए तीन रास्ता सुझाया था। राज्य सरकार तत्काल रिव्यु पिटीशन दाखिल करे, रिव्यु पिटीशन नहीं टिका तो क्यूरिटिव पिटीशन दाखिल करे. यह आखिरी विकल्प है। ;लेकिन यह विकल्प अपवाद है। इसके लिए पर्याप्त सबूत लेकर कोर्ट जाना होगा और 342 अ के जरिये अपना प्रपोजल केंद्र सरकार को दे सकती है. राज्यपाल के जरिये यह राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति को सही लगेगा तो वह केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पास भेजेंगे। उन्हें सही लगेगा तो वह उसे संसद में भेजेंगे। यह तीन विकल्प संभाजीराजे ने सरकार को सुझाया है।
ओबीसी में नई श्रेणी डालना संभव है क्या ?
ओबीसी में नई श्रेणी तैयार करना संभव है क्या ? यहाँ देखना होगा। यह मैं नहीं बोलूंगा। यह राष्ट्रवादी प्रमुख शरद पवार, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सार्वजानिक बांधकाम मंत्री अशोक चव्हाण और विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस बताये। मेरी राय है कि वंचितों को आरक्षण मिले। शाहू महाराज ने वंचितों को मुख्य धारा में लाया था। मराठा समाज को आरक्षण मिले यह भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का भी रुख था।