नई दिल्ली : रिलायंस जियो इंफोकॉम इस वित्तीय वर्ष में अपनी सेवाओं की कीमतों में इजाफा कर सकती है । रिलायंस जियो को लम्बे समय के लिए अपनी सेवाओं और क्षमताओं के विस्तार के लिए हर साल 9000 करोड़ रुपए की जरुरत है । इसमें टॉवर और फाइबर क्षेत्र में विस्तार के लिए स्पेशल पर्पस वेहिकल जैसे चीजों में निवेश करने की जरुरत है । इसके अलावा जियो की प्रतिस्पर्धी कंपनियों वोडाफोन आईडिया और भर्ती एयरटेल अपनी क्षमताओं के विस्तार के लिए भरी पूंजी का निवेश कर रहे हैं ।
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एकनॉमिसेस टाइम्स की एक खबर के मुताबकिक जेपी मॉर्गेन ने अपने कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है और यह बढ़ोतरी 6 -9 महीने पहले के मुकाबले ज्यादा है, जो जियो रिलायंस की प्रतिस्पर्धी कंपनी वोडाफोन-आईडिया के लिए अच्छी चीज है । विशेषज्ञों का कहना है कि जियो का फाइबर एसपीवी और टॉवर का काम इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट दवारा संचालित किया जाता है । वही वोडाफोन आईडिया और भर्ती एयरटेल दवारा अपनी ही कंपनी के दवारा यह काम कराया जाता है ।
गौरतलब है कि वोडाफोन-आईडिया और भारती एयरटेल राइट इशू के जरिये करीब 25000 रुपए जुटाने की योजना है । ताकि देश भर में अपनी 4जी सेवाओं का विस्तार कर सके और जियो का मुकाबला कर सके । हालांकि जियो मैनेजमेंट की तरफ से पिछले हफ्ते कहा गया था कि कंपनी अपनी सेवाओं में कोई विस्तार नहीं करेगी और अभी भी सब्सक्रायबर्स बेस बढ़ाने पर ही ध्यान देगी । रिलायंस जियो ने सितम्बर 2016 में भारत की टेलिकॉम में कदम रखा था और अपनी काम कीमत के चलते एक तरह से टेलिकॉम इंडस्ट्री में क्रांति ला दी । रिलायंस जियो के आने के बाद से देश में मोबाइल ग्राहकों और डाटा की खपत में वृद्धि हुई है । रिलायंस की धमाकेदार एंट्री के बाद टेलिकॉम इंडस्ट्री की कई दिग्गज और स्थापित कंपनियों को काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा था ।ध्यान रहे कि वित्तीय वर्ष 2020 के दौरान जियो को करीब 21,500 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश की बात करें तो यह करीब 70000 करोड़ रुपए होगी। मौजूदा समय में रिलायंस जियो के पास 306 मिलियन यूजर्स है ।
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