बड़ी खबर : मोदी सरकार ने पेंशन नियम में किया बदलाव, जानें क्या हैं नया नियम

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नई दिल्ली : पुलिसनामा ऑनलाइन – केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन के नियमों में बदलाव किया है। सात साल से कम की सेवा के दौरान अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तब भी उसका परिवार बढ़ी हुई पेंशन पाने के हकदार होंगे। इससे पहले यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सात साल से कम के सेवाकाल में होती थी, तो उसके परिजनों को आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से बढ़ी हुई पेंशन मिलती थी। लेकिन अब सात साल से कम के सेवाकाल में मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिजन बढ़ी हुई पेंशन पाने के पात्र होंगे।

ये हैं नियम –
अधिसूचना में कहा गया है कि ‘ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी मृत्यु एक अक्टूबर 2019 तक 10 साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले हो जाती है और उन्होंने लगातार सात साल तक का सेवाकाल पूरा नहीं किया है तब भी उनके परिजन उप नियम (3) के तहत बढ़ी हुई दर पर पेंशन के हकदार होंगे। हालांकि, इसके लिए पारिवारिक पेंशन पाने की अन्य शर्तो को पूरा करना होगा।’ इसमें कहा गया है, ‘मृत्यु पर ग्रैच्यूटी की राशि कार्यालय प्रमुख की तरफ से उसके पूरे सेवाकाल के बारे में जानकारी और सत्यापन के बाद तय की जाएगी। कार्यालय प्रमुख अस्थायी ग्रैच्यूटी के भुगतान की तारीख से छह माह के भीतर इस राशि को तय करेगा।’

एक अक्तूबर से होगा लागू –
अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम,1972 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। ये नियम केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) दूसरा संशोधन नियम, 2019 एक अक्तूबर, 2019 से लागू होंगे। इसका लाभ केंद्रीय सशस्त पुलिस बल के जवानों की विधवाओं को मिलेगा।

कार्मिक एवं लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने बयान में कहा कि सरकार का मानना है कि पारिवारिक पेंशन की बढ़ी दर किसी सरकारी कर्मचारी के अपने करियर की शुरुआत में मृत्यु होने की स्थिति अधिक जरूरी है क्योंकि शुरुआत में उसका वेतन भी कम होगा। इसी के मद्देनजर सरकार ने 19 सितंबर, 2019 को जारी अधिसूचना के जरिये केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम,1972 के नियम 54 में संशोधन किया है।  माना जा रहा है कि सरकार ने नियमों में संशोधन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों की विधवाओं को लाभ देने के उद्देश्य से किया है।

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