भाजपा को अपने कब्जेवाली मनपा के बयान पर तो यकीन रखना चाहिए

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पिंपरी चिंचवड़ के वैक्सिनेशन ठप्प पड़ने के मुद्दे पर रोहित पवार ने किया ट्वीट
पिंपरी। कोरोना वैक्सीनेशन और आपूर्ति पर राज्य और केंद्र सरकारें आमने-सामने खड़ी है, राजनीति गर्म होती दिख रही है। पिंपरी चिंचवड़ समेत समूचे महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की कमी है, सही मात्रा में आपूर्ति न होने के कारण वैक्सीनेशन मुहिम ठप्प पड़ गई है।इस मुद्दे पर विपक्षी दल भाजपा और महाविकास आघाड़ी सरकार के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू है। भाजपा के सत्ता वाली पिंपरी चिंचवड़ मनपा ने वैक्सीन के डोज खत्म होने से शहर के सभी वैक्सीन सेंटरों को बंद करने की घोषणा की है। इस पर से राष्ट्रवादी कांग्रेस के युवा विधायक रोहित पवार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि भाजपा को कम से कम अपने कब्जे में रही पीसीएमसी द्वारा जारी किए गए बयान पर तो यकीन रखना चाहिए।
पिंपरी चिंचवड मनपा के पास बचे हुए मात्र 15 हजार डोस गुरुवार की दोपहर ही खत्म हो गए। दोपहर से ही शहर के कई वैक्सिनेशन सेंटर बंद होने शुरू हो गए थे। रात में मनपा की ओर से एक बयान जारी कर वैक्सीन खत्म होने से शुक्रवार को शहर के सभी वैक्सिनेशन सेंटर बंद रखे जाने को लेकर एक बयान जारी किया है। यह धागा पकड़ते हुए कर्जत-जामखेड विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रवादी काँग्रेस के युवा विधायक रोहित पवार ने एक ट्विट किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि, अपने कब्जे वाली पीसीएमसी द्वारा जारी किए गए बयान पर तो भाजपा यकीन रखे और महाराष्ट्र के लिए ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध कराएं। केंद्र सरकार इसमें जरूर सहयोग देगा, यह विश्वास है। पवार ने यह ट्वीट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को टैग करते हुए ‘महाराष्ट्र नीड्स वैक्सीन’ का हैशटैग इस्तेमाल किया है।
राष्ट्रवादी विधायक रोहित पवार ने एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से कोरोना वैक्सीन मुहिम को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। सरकार को गिराने के लिए जितनी कोशिश की जा रही है, उतनी ही कोशिश राज्य के हित के लिए करनी चाहिए। यह कटाक्ष करते हुए पवार ने कहा है कि, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को मिली कोरोना वैक्सीन की तुलना पर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा दिए गए बयान की खबर रोहित पवार ने ली है। वैक्सीन वितरण जनसंख्या के आधार पर नहीं हुई है है, यह पता होते हुए भी विपक्ष महाराष्ट्र की तुलना उत्तर प्रदेश से कर रही है। केंद्र सरकार की धारणा के अनुसार, वेस्ट रेट 10 फीसदी हो सकता है, लेकिन हमने इसे 3 फीसदी तक सीमित रखा है। राज्य में मरीजों की संख्या को देखते हुए टीकों की आपूर्ति कितनी होनी चाहिए इस पर विपक्ष को विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र को 1.06 करोड़ डोज मिली है। यदि हमने दोनों खुराक मिलाकर 93.32 लाख लोगों को टीका लगाया है, तो 3 लाख खुराक बर्बाद हुए है। हमारे पास 10 लाख खुराक बचे हैं और वे कल तक खत्म हो जाएंगे। आज कुछ जगहों पर वैक्सीन के स्टॉक खत्म हो गए। इसलिए टीकाकरण बंद है। वास्तव में  हमने टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाया है। टीकाकरण केंद्र पर पंजीकरण करने के बाद पांच से दस मिनट के अंदर वैक्सीन दिया जाता है। हालांकि,  जिस तरह से मांग है उस आधार पर वैक्सीन उपलब्ध न होने के कारण वैक्सीनेशन में बाधा आती है। ऐसी स्थिति में टीकाकरण की रफ्तार और कितनी बढ़ाई जानी चाहिए? क्या केंद्र से टीकों की आपूर्ति बढ़ा कर मिले इसके लिए कोशिश करना राजनीति है क्या? राज्य को जल्द से जल्द अधिक वैक्सीन मिले इसका विरोध है क्या? रोहित पवार ने कहा कि इन सवालों का जवाब राज्य के विपक्षी नेताओं को देना चाहिए। अब यह कहने का समय नहीं है कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र की कितनी और कैसे मदद की है। जनता को सही समय पर पता चल जाएगा। अभी राज्य को संकट से बाहर निकालने का समय है। उम्मीद है कि विपक्ष के नेता निश्चित रूप से इसमें योगदान देंगे। विपक्ष से आग्रह है कि कम से कम संकट के समय में राजनीति न करें। सरकार गिरनेवाली नहीं है,  लेकिन इसे गिराने के लिए जितनी कोशिश कर रहे हैं, उतनी ही शिद्दत से राज्य के हित के लिए भी कोशिश करें। ऐसी टिप्पणी करते हुए रोहित पवार ने कहा कि इस संकट के समय में जनता के साथ, सरकार के साथ खड़े रहें, महाराष्ट्र सदैव आपका ऋणी रहेगा।
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