बिहार में भाजपा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कराना चाहती है चुनाव ?

पटना : समाचार ऑनलाइन – राजनीति को लेकर बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि आने वाले दिनों में चुनाव डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लड़ा जाएगा। इस विचार पर कई पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता सहमति जता रहे हैं जबकि कई पार्टियों में असहमति जताई है। जानकारों का मानना है कि बीजेपी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा सशक्त है। ऐसे में इसका लाभ बीजेपी को चुनाव में मिल सकता। है
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के लोग लोग बहुत ज्यादा टेक्नो फ्रैंडली नहीं हैं। इसके बावजूद बीजेपी की बिहार इकाई ने इस माध्यम के जरिये लोगों तक अपनी बात पहुंचाई है। यही वजह है कि ट्विटर पर एक लाख 35 हजार फ़ॉलोअर्स है। फेसबुक पर इसकी संख्या 3 लाख 50 हजार है। पूरे बिहार में बीजेपी अलग-अलग नामों से लगभग 20 हजार व्हाट्सएप ग्रुप चलाती है, जिसमें लाखों लोग जुड़े हुए हैं। अलग अलग मंच मोर्चों के साथ साथ कई अलग-अलग संगठन भी बीजेपी ने बनाए हैं। ऐसे में सबसे निचले स्तर पर बीजेपी का शक्ति केंद्र स्थापित है, जो बूथ स्तर पर भी काम करता है। शक्ति केंद्र पंचायत को कहते हैं। इन शक्ति केंद्रों पर बिहार में लगभग आईटी सेल के 50 हजार सदस्य हैं, जो सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में मंडलों की संख्या 1100 है, जहां फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप बने हैं और ये बीजेपी के क्रियाकलाप को लोगों तक पहुंचा रहे हैं। वहीं बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में भी आईटी सेल काम कर रहा है। सोशल मीडिया में बीजेपी को अभी सबसे ज्यादा सहारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिल रहा है। बीजेपी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी नरेंद्र मोदी के फैंस की संख्या काफी है। इसका फ़ायदा सीधे बीजेपी को जायेगा। हालांकि इस पर अभी चर्चा शुरू है। कोई बैठक नहीं हुई है।