कच्चे तेल में फिर लौटी तेजी, तेल विपणन कंपनियों ने घटाए पेट्रोल डीजल के दाम

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नई दिल्ली : पोलिसनामा ऑनलाईन – अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में लगातार जारी गिरावट थमने के बाद गुरुवार को फिर जोरदार तेजी आई जबकि भारत में तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर कटौती की है। विदेशी बाजारों में आई तेजी से भारतीय वायदा बाजार पर भी कच्चे तेल के दाम में तकरीबन तीन फीसदी का उछाल आया। तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में पांच पैसे जबकि मुंबई में चार पैसे प्रति लीटर की कटौती की। साथ ही, डीजल के दाम में भी कटौती की गई है। डीजल दिल्ली में छह पैसे, कोलकाता में दो पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में पांच पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल के अगस्त वायदा अनुबंध में 99 रुपये यानी 2.72 फीसदी की तेजी के साथ 3,740 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। बीते सत्र में एमसीएक्स पर कच्चे तेल के दाम में तकरीबन छह फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार आईसीई पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के अक्टूबर डिलीवरी अनुबंध में 2.81 फीसदी की तेजी के साथ 57.81 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि कारोबार के दौरान भाव 58 डॉलर तक उछला। मालूम हो कि पिछले सत्र में ब्रेंट क्रूड का भाव 56 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक लुढ़क गया था।

वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई का सिंतबर अनुबंध न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर 3.21 फीसदी की तेजी के साथ 52.73 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था। पिछले सत्र में डब्ल्यूटीआई का भाव 50.53 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था।

इंडियन ऑयल की बेवसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम गुरुवार को घटकर क्रमश: 72.23 रुपये, 74.92 रुपये, 77.89 रुपये और 75.03 रुपये प्रति लीटर हो गए। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी घटकर क्रमश: 65.88 रुपये, 68.15 रुपये और 69.06 रुपये और 69.59 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।

ऊर्जा विशेषज्ञ बताते हैं कि बीते दिनों अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई भारी गिरावट के बाद तेल आयात की लागत घटने से पेट्रोल और डीजल के दाम में उपभोक्ताओं को राहत मिल रही है।

मालूम हो कि भारत अपनी तेल खपत का तकरीबन 84 फीसदी आयात करता है लिहाजा देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों के निर्धारण में अन्य कारकों के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी या मंदी की अहम भूमिका होती है।

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