‘स्पर्श’ के सीसीसी सेंटर भ्रष्टाचार के मामले में  मनपा को कानूनी नोटिस

February 16, 2021
अतिरिक्त आयुक्त अजित पवार द्वारा मंजूर किये गए बिल के पैसे वापस लेने की मांग
भूतपूर्व महापौर योगेश बहल ने संवाददाता सम्मेलन में की मांग
पिंपरी। कोरोनाकाल में मरीजों की बढ़ती संख्या और बेड्स की कमी को दूर करने के लिए शहरभर सीसीसी सेंटर (कोविड केयर सेंटर) शुरू किए गए थे। मगर इन सेंटरों की आड़ में निजी अस्पतालों, पिंपरी चिंचवड़ मनपा अधिकारियों और सत्तादल भाजपा के पदाधिकारियों व नगरसेवकों ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। ताजा मामला स्पर्श हॉस्पिटल का है जिसे भोसरी के दो सीसीसी सेंटरों, जहां न कभी किसी का इलाज किया गया न किसी को एडमिट किया गया, के लिए सवा पांच करोड़ रुपये का बिल पेश किया गया। इस पर बवाल मचने के बाद भी करीबन सवा तीन करोड़ रुपए का गलत तरीके से भुगतान भी किया गया। इस पर से विपक्षी दलों और सामाजिक व राजनीतिक दलों व संगठनों ने सत्तादल भाजपा और मनपा प्रशासन को घेर रखा है। अब इस मामले में मनपा प्रशासन को कानूनी नोटिस जारी की गई है।
मंगलवार को एक तत्कालिक संवाददाता सम्मेलन के जरिये राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक एवं भूतपूर्व महापौर योगेश बहल ने आरोप लगाया है कि सत्तादल भाजपा ने मनपा प्रशासन और निजी अस्पतालों के साथ मिलीभगत कर कोरोना महामारी के नाम पर करोड़ो रूपये का भ्रष्टाचार किया है। इस मामले में दोषी अधिकारियों, पदाधिकारियों और नगरसेवकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग के लिए मनपा प्रशासन को कानूनी नोटिस जारी की गई है। इस मौके पर मनपा के विपक्षी दल के नेता राजू मिसाल, राष्ट्रवादी महिला कॉंग्रेस की शहराध्यक्षा वैशाली कालभोर, पूर्व महापौर और वरिष्ठ नगरसेविका मंगला कदम, वरिष्ठ नगरसेवक भाऊसाहेब भोईर, शाम लांडे, मोरेश्वर भोंडवे, शेखर ओव्हाल, राष्ट्रवादी विद्यार्थी कॉंग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुनील गव्हाणे, राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस की शहराध्यक्षा वर्षा जगताप, शिक्षा मंडल के पूर्व उपसभापति मायला खत्री आदि उपस्थित थे।
योगेश बहल ने कहा कि मनपा में सत्ता में रही भाजपा ने कोरोना काल के दौरान आम आदमी की जान बचाने के बजाय अपनी खुद की जेब भरने को महत्व दिया। इस अवधि के दौरान, भाजपा के पदाधिकारियों और नगरसेवकों ने प्रशासन में कुछ अधिकारियों से साथ हाथ मिलाकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया।  कोविड सेंटर के नाम पर करोड़ों रुपये लूटे। बहल का आरोप है कि सीसीसी सेंटर के नाम पर करीबन 16 करोड़ रुपये भ्रष्ट तरीके से ठेकेदारों, अधिकारियों और भाजपा पदाधिकारियों द्वारा लूटे गए हैं। अकेले स्पर्श हॉस्पिटल के माध्यम से साढ़े 13 करोड़ रुपये लूटे गए हैं। स्पर्श हॉस्पिटल के भोसरी स्थित रामस्मृति मंगल कार्यालय और हीरा लॉन्स में स्थापित कोविड केंद्र में कोई सुविधा नहीं रहने और एक भी मरीज एडमिट नहीं रहने के बावजूद स्थायी समिति की मान्यता लिए बिना ही तीन करोड़ 14 लाख रुपए का बिल चुकाया गया। स्पर्श को इस राशि का भुगतान करने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाने वाले पदाधिकारियों ने यह भ्रष्टाचार किया है।
ऑटो क्लस्टर के सीसीसी में भी 2 करोड़ की ठगी
मनपा के ऑटो क्लस्टर में शुरू किए गए सीसीसी सेन्टरक आईसीयू बेड के लिए 155 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति 150 ओ 2 (ऑक्सीजन) बेड के लिए 96 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की अनिवार्यता की गई थी। हालांकि, स्पर्श हॉस्पिटल के द्वारा चलाए गए सीसीसी सेंटर में एक दिन के लिए भी स्टाफ नियुक्त नहीं किया गया। यहां मनपा द्वारा लगाए गए कैमरों के माध्यम से यह बात सामने आई है। यह उल्लेखनीय है कि 150 ओ2 (ऑक्सिजन) बेड के लिए रूबी एलकेयर ने 1259 रुपये प्रति बेड दर से टेंडर भरा था, जो लघुतम था। इसके बावजूद स्पर्श हॉस्पिटल को 1950 रुपये प्रति बेड की दर से आईसीयू का संचालन सौंपा गया। इसके जरिए मनपा के साथ दो करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई है। ऐसे में स्पर्श हॉस्पिटल के निदेशकों के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की जानी चाहिए, यह भी बदल ने मांग की है।
अतिरिक्त आयुक्त अजित पवार की मिलीभगत
मूलतः यह टेंडर फॉर्च्यून स्पर्श हेल्थकेयर प्रा लि नामक कंपनी ने भरा था जबकि इसका अनुबंध स्पर्श हॉस्पिटल के साथ किया गया। इसके अलावा स्पर्श हॉस्पिटल के नाम पर स्टैम्प देने, फॉर्च्यून स्पर्श हेल्थकेयर कंपनी के निदेशक भी नहीं रहने के बावजूद डॉ. अमोल होलकुंदे को कंपनी का सी.ई.ओ. बताना, उनके जरिये मनपा के साथ अनुबंध करने आदि के जरिए मनपा के साथ धोखाधड़ी की गई है। इसके लिए फॉर्च्यून स्पर्श हेल्थकेयर कंपनी के विनोद तुकाराम आडसकर, अमित अनंत वाघ, रोहित भागुजी कणसे, विनय कुमार, राहुल तुकाराम बडे, विकास आप्पासाहेब खुडे नामक निदेशकों के साथ डॉ. अमोल होलकुंदे नामक फर्जी सी.ई.ओ. के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करने की मांग बहल ने की है।

सीसीसी सेंटरों के भ्रष्टाचार में मनपा के अतिरिक्त आयुक्त (2) अजीत पवार का हाथ है। उनकी 5 सितंबर 2019 को जाति पडतालनी समिति के पुणे अध्यक्ष पद पर प्रमोशन से नियुक्ति की गई है। इसके बावजूद उन्होंने मनपा के अतिरिक्त आयुक्त पद का पदभार नहीं छोड़ा और सरकारी आदेश की अवमानना की है। उनके पास मनपा के कोई अधिकार नहीं है इसके बावजूद उन्होंने कोविड काल मे बड़े बड़े फैसले किये और करोड़ो का गोलमाल किया। उनके कार्यकाल की विभागीय जांच कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर योगेश बहल ने अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है।