रिश्तों में दरार आज आम, इसलिए जीवनसाथी चुनते समय इन 3 बातों का रखें खास ख्याल

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – जब एक रिश्ते में सोच, विचार, आकांक्षा, मूल्यों तथा रहन-सहन में कोई सामंजस्य नहीं होता तो देर-सबेर परेशानी आनी तय है। लगभग पचास प्रतिशत शादियों में टकराव की वजह परिवार होता है। कभी लड़के के परिवार वाले हावी हो जाते हैं, तो कभी लड़की के। पति-पत्नी के लिए जरूरी है कि वे दोनों परिवारों को अपने रिश्ते पर हावी होने ना दें। यह समझना जरूरी है कि कुछ रिश्तों को बनाने में वक्त लगता है। शादीशुदा जीवन की सफलता पति-पत्नी दोनों पर निर्भर करती है। हालांकि, कई दफा ऐसा होता है कि पति-पत्नी के बीच सही तालमेल नहीं होने से उनका रिश्ता टूट जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में सफल जीवन की नीतियों के साथ गृहस्थ जीवन से भी जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं। चाणक्य अपने इस श्लोक में कहते हैं

वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।
1. चाणक्य कहते हैं कि ऐसा जरूरी नहीं है कि जो बाहर से खूबसूरत दिखे वो असल में अच्छे हों। जो लोग व्यक्ति के मन और उनके विचारों को परखकर शादी करते हैं, वे हमेशा खुश रहते हैं।
2. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति में धीरज होता है, वो सभी तरह की परिस्थिति को संभाल लेते हैं। शादी से पहले अपने जीवनसाथी में धैर्य है या नहीं ये भी देखना चाहिए
3. आप किसी गुस्से से भरे हुए शख्स से शादी करते हैं तो खुशहाल जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है। चाणक्य कहते हैं कि सफल शादीशुदा जीवन के लिए लाइफ पार्टनर का शांत होना जरूरी है।

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