जैविक हथियार के रूप में चीन ने किया कोरोना का निर्माण

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न्यूयार्क, 1 अप्रैल  चीन ने अपने वुहान पी 4 प्रयोगशाला में जैविक हथियार के रूप में कोरोना वायरस तैयार किया। अन्य देशों में नरसंहार करना इसके पीछे का उद्देश्य था. लेकिन किसी वजह से कोरोना का वायरस वुहान के पी 4 प्रयोगशाला से बाहर आ गया और वुहान से हुबेई प्रान्त में फ़ैल गया।  जैविक हथियार कानून का जनक डॉ. फ्रांसिस बॉयल ने यह आरोप लगाया है. 
डॉ. फ्रांसिस ने एक इंटरव्यू में बताया कि वुहान कोरोना वायरस तैयार करना जैविक हथियार कानून के तहत चीन ने अपराध किया है।  मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आने वाला गुनाह है।  यह अपराध जब घटित हो रहा था वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन मूक दर्शक बना बैठा था. इसके बाद भी यह संगठन मूक दर्शक बना हुआ है।  यह और भी गंभीर है.
फ्रांसिस इल्लिनाइस कॉलेज ऑफ़ लॉ में इंटरनेशनल कानून विषय के प्रोफेसर है।  अमेरिका के जैविक हथियार परिषद् के दौरान उन्होंने देश के अंतर्गत इस पर अमल के लिए बॉयोलॉजिकल वेपन्स एंटी टेरिरिज्म एक्ट के मसौदा तैयार किया था।  जोर्स बुश के नेतृत्व में अमेरिकन संसद के दोनों सदनों में यह कानून मंजूर किया गया था।

जिओपॉलिटिक्स एंड अम्पायर को दिए गए इंटरव्यू में डॉ. फ्रांसिस ने कोरोना को लेकर विस्तार से जानकारी दी है।  उन्होंने कहा कि वुहान के बीएसएल 4 लैब केवल चीन का बॉयोरोलॉजिकल सेंटर नहीं, बल्कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन का रिसर्च सेंटर है।  एक अर्थ में यह सेंटर चीन और वर्ल्ड हेल्थ  ऑर्गेनाइज़ेशन का संयुक्त प्रयोगशाला है। वहां क्या चल रहा है वह वर्ल्ड हेल्थ  ऑर्गेनाइज़ेशन  से छुपा नहीं है।

चीन ने कनाडा तक छोड़ा वायरस 
कोरोना वायरस का मेटेरियल चीन ने कनाडा के प्रयोगशाला से छोड़ा है।  इस तरह का चौकाने वाला खुलासा डॉ. फ्रांसिस ने किया है।
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