कोरोना का खून से जुड़ाव तय… A ब्लड ग्रुप वालों को अधिक जोखिम की आशंका, नए शोध में और भी हैरतअंगेज खुलासे

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – शोधकर्ताओं के मुताबिक मानव आनुवंशिकी (ह्यूमन जेनेटिक्स) की स्टडी में कोरोना से होने वाले जोखिम का राज छुपा हो सकता है। स्टडी में पाया गया कि टाइप A का रक्त होने पर मरीज को वेंटीलेटर की जरूरत की संभावना 50 फीसदी बढ़ जाती है। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ कील के अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं के ग्रुप की ओर से भी की गई एक और स्टडी में कहा गया है कि रक्त टाइप ‘A +’ वाले रोगियों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत की अधिक संभावना होती है। साथ ही उनके नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर गंभीर बीमारी की भी अधिक संभावना होती है। यह भी पाया गया कि O टाइप (ब्लड ग्रुप) रक्त वाले व्यक्ति वायरस के लिए पॉजिटिव टेस्ट देने वाले अन्य रक्त टाइप वाले व्यक्तियों की तुलना में 9% से 18% के बीच कम होते हैं।

कड़ी के संकेत : एक स्टडी ‘23andMe’ में बीमारी की गंभीरता की बजाय संवेदनशीलता को देखा गया। इसमें 10,000 प्रतिभागी शामिल थे। “750,000 से अधिक प्रतिभागियों के शुरुआती नतीजों से पता चलता है कि टाइप O रक्त विशेष रूप से SARS-CoV-2 वायरस को लेकर कुछ सुरक्षा प्रभाव वाला है। यही वायरस कोविड-19 का कारण बनता है। स्टडी निष्कर्षों ने कुछ अन्य रिसर्च जैसे ही नतीजों को दोहराया कि ABO जीन और कोविड-19 के बीच विविधताओं के बीच एक कड़ी का संकेत मिलता है।

हपले से थी आशंका : शोध में बताया गया है कि रक्त के टाइप्स या प्रकार SARS-CoV-2 को लेकर मरीजों की प्रतिक्रियाओं की गंभीरता में भूमिका निभा सकते हैं। इस स्टडी में इटली और स्पेन के 1,600 से अधिक रोगियों के जीन को देखा गया, जिन्होंने सांस लेने में नाकामी का अनुभव किया। चीन की एक पहले की स्टडी ने भी कोविड-19 को लेकर किसी व्यक्ति की संवेदनशीलता को लेकर इसी तरह के नतीजे दिए थे।

जीनोम-वाइड एसोसिएशन विश्लेषण : स्टडी में कहा गया है, “हमने एक जीनोम-वाइड एसोसिएशन विश्लेषण के लिए यूरोप में इटली और स्पेन में 7 सेंटर्स पर ऐसे 1,980 प्रतिभागियों को लिया जिन्हें कोविड-19 से जुड़ी सांस लेने में नाकामी का सामना था। ये सेंटर्स यूरोप में SARS-CoV-2 महामारी के एपिसेंटर जैसे कि मिलान, मोंजा, मैड्रिड, सैन सेबेस्टियन और बार्सिलोना में स्थित थे। इटली से 835 मरीज और 1,255 कंट्रोल्स और स्पेन से 775 रोगियों और 950 कंट्रोल्स को अंतिम विश्लेषण में शामिल किया गया। कुल मिलाकर हमने 8,582,968 सिंगल-न्यूक्लियोटाइड न्यूमॉर्फिज्म (SNPs) का एनालिसिस किया। साथ ही केस और कंट्रोल पैनल दोनों का मेटा-एनालिसिस किया।

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