भारत में भी तेजी से पांव पसार रहा है कोरोना का नया स्ट्रेन, संक्रमितों की संख्या 58 पहुंची
नई दिल्ली . ऑनलाइन टीम : ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर को फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कहा कि इस लॉकडाउन से कोरोना के तेजी से हो रहे संक्रमण को रोका जा सकता है। जॉनसन ने टीवी पर ये सूचना जारी करते हुए कहा, “आने वाला सप्ताह अभी और भी कठिन होगा, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम कोविड के खिलाफ इस के अंतिम चरण में प्रवेश कर रहे हैं।” भारत में भी खौफ है। तेजी से यह पांव पसार रहा है। ब्रिटेन से लौटे 20 और लोग कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से संक्रमित पाए गए हैं, जिससे इस वायरस से पॉजिटिव मरीजों की संख्या 58 पहुंच गई है।
ये सभी परिणाम Indian Sars-CoV-2 Genomics Consortium (Insacog) की प्रयोगशालाओं द्वारा जारी किए गए पॉजिटिव सैंपल जीनोम अनुक्रमण पर आधारित हैं, जो केंद्र ने विशेष रूप से ब्रिटेन वाले वायरस की पहचान करने के उद्देश्य से बनाए हैं। ये सभी सैंपल देश में मौजूद 10 लैब में से सिर्फ 6 से हैं। अब तक सामने आए केसों में में बेंगलुरु के NIMHANS में 10, हैदराबाद के CCMB में तीन, पुणे के NIV में पांच, दिल्ली के IGIB में 11, NCDC में आठ मामले और कोलकाता के NCBG में के पॉजिटिव केस की पहचान हुई है।
अच्छी खबर यह है कि भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को आइसोलेट करने में सफलता पाई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने ट्वीट कर बताया कि ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) का भारत ने सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ किया है। गौरतलब है कि ‘कल्चर’ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों के तहत उगाया जाता है और आमतौर पर उनके प्राकृतिक वातावरण के बाहर ऐसा किया जाता है। बता दें कि अभी तक किसी भी देश ने ब्रिटेन में पाए गए सार्स-कोव-2 के नए प्रकार को अब तक सफलतापूर्वक पृथक या ‘कल्चर’ नहीं किया है। ICMR ने कहा कि नए स्ट्रेन के ब्रिटेन में सामने आने पर उसके सभी स्वरूपों के साथ राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) में अब सफलतापूर्वक पृथक यानी अलग और कल्चर कर दिया गया है। इसके लिए नमूने ब्रिटेन से लौटे लोगों से एकत्र किए गए थे। अभी इसके बारे में और ज्यादा शोध किया जा रहा है।
इस कारण फिलहाल भारत में कोरोना की स्थिति कंट्रोल में है, मगर नए स्ट्रेन के मामले ऐसे ही सामने आते रहे तो चिंता बढ़ना तय है, क्योंकि यह 70 फीसदी ज्यादा घातक और संक्रामक है। इस पर रोक लगाने के लिए 25 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच देश के अलग-अलग एयरपोर्ट पर ब्रिटेन से करीब 33 हजार पैसेंजर्स आए हैं, जिनमें कोरोना के नए स्ट्रेन की पहचान के लिए इन लैबों में जांच चल रही है। इन सबको ट्रेस किया जा रहा है और आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए इनका सैंपल लिया जा रहा है।