कुत्तों की नसबंदी के लिए 693 रुपये खर्च

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पिंपरी : पुलिसनामा ऑनलाईन – आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण लाने के उनकी नसबंदी की जा रही है। इसके लिए जारी किये गए टेंडर को प्रतिसाद न मिलने के कारण इस काम का ठेका दिन संस्थाओं के पास है उन्हें ही एक माह ही मियाद बढ़ा दी गई है। पिंपरी चिंचवड़ मनपा की स्थायी समिति की सभा में यह फैसला किया गया। इन संस्थाओं को प्रति नसबंदी के ऑपरेशन के लिए 693 रुपए खर्च दिया जा रहा है। कुत्तों की नसबंदी के लिए फिलहाल कार्यरत संस्थाओं को एक माह की मियाद बढ़ाने और नए ठेकेदार संस्था की नियुक्ति तक नसबंदी पर आने वाले खर्च को इस सभा में मंजूरी दी गई। सभा की अध्यक्षता स्थायी समिति अध्यक्ष विलास मडिगेरी ने की।
मनपा के पशु चिकित्सा विभाग द्वारा आवारा कुत्तों की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार और एनिमल वेल्फेअर बोर्ड के मार्गदर्शक सूचनाओं के अनुसार निजी संस्थाओं के जरिए श्‍वान संतति नियमन ऑपरेशन का कार्यक्रम चलाया जाता है। मुंबई के एडब्लूए और लातुर के एसपीसीए इन संस्थाओं को ऑपरेशन का ठेका दिया गया है। ये संस्था रोजाना 30 से 35 कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी करती हैं और तीन दिन बाद जहां से पकड़ा वहीं छोड़ देती हैं।नसबंदी के एक ऑपरेशन के लिए मनपा 693 रुपये खर्च कर रही है। अब तक 43 हजार 296 कुत्तों के ऑपरेशन किये गए हैं। उसपर तीन करोड़ से ज्यादा खर्च करने के बाद भी आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।
तीन सालों में कुत्तों की नसबंदी के लिए बजट में साढ़े सात करोड़ रुपए आबंटित किये गए थे जिसमें से तीन करोड़ पांच लाख 754 रुपए खर्च किये गए। बहरहाल आवारा कुत्तों के साथ ही शहर में सुअरों की संख्या व उपद्रव लगातार बढ़ रही है। इसकी रोकथाम के लिए मनपा ने टेंडर आमंत्रित किये थे। इसमें केवल तीन संस्थाओं ने ही हिस्सा लिया। टेंडर में स्पर्धा न होने से पहले की ठेकेदार संस्थाओं को तीन माह की मियाद बढ़ा कर दी गई थी। इस बीच मनपा को चार टेंडर मिले मगर उसमें से मात्र एक ही संस्था पात्र साबित हुई। इसके चलते यह टेंडर प्रक्रिया रद्द कर दी गई। नई टेंडर प्रक्रिया में होनेवाले विलंब को ध्यान में रख मनपा ने पहले की संस्थाओं की मियाद फिर से बढ़ाने का फैसला किया है।
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