देश को देसी कोरोना वैक्सीन Covaxin से काफी उम्मीदें, तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिली

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – दुनिया इस समय कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है। इन सबके बीच अब सभी की निगाहें विभिन्न देशों में चल रहे कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर टिकी हैं। कई देशों के सैकड़ों वैज्ञानिक अलग-अलग जगहों पर वैक्सीन को विकसित करने में लगे हैं। भारत भी पीछे नहीं। यहां फिलहाल दो कोरोना वैक्सीन- कोवाक्सिन(Covaxin) और जायकोव-डी (Zycov-D) का मानव ट्रायल चल रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में 20 जुलाई से देश की पहली स्वदेश कोरोना वैक्सीन Covaxin का मानव ट्रायल शुरू हो रहा है।

जानकारों के अनुसार, अपने देश को देसी कोरोना वैक्सीन Covaxin से उम्मीदें काफी हैं। इसके तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिल गई है। संभवत: अगले महीने यह ट्रायल शुरू होगा, जिसमें 25 हजार से ज्यादा वॉलेंटियर्स शामिल होंगे। वैक्सीन की पहली डोज देने के 28 दिन बाद लोगों को दूसरी डोज दी जाएगी। बता दें कि इस देसी वैक्सीन के शुरुआती चरणों के ट्रायल के अच्छे परिणाम आए हैं। इसे भारत बायोटेक कंपनी ने आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की मदद से तैयार किया है। कुल 25 हजार से ज्यादा लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा।

भारत बायोटेक कंपनी की योजना के मुताबिक, Covaxin का आखिरी ट्रायल दिल्ली के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और असम में किया जा सकता है। आखिरी चरण के ट्रायल के परिणाम फरवरी तक आने की उम्मीद है। इसके बाद कंपनी वैक्सीन के मंजूरी और मार्केटिंग की अनुमति के लिए आवेदन करेगी।

वर्तमान समय में दुनिया में कोरोना वैक्सीन को लेकर 120 से ज्यादा प्रतिभागी काम कर रहे हैं। इनमें से 13 वैक्सीन मानव ट्रायल फेज में पहुंच चुकी हैं। चीन की सबसे ज्यादा वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल स्टेज में है। चीन में 5, ब्रिटेन में 2, अमेरिका में 3, रूस ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में 1-1 कोरोना वैक्सीन मानव ट्रायल फेज में हैं।

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