दाभोलकर हत्याकांड: पुनालेकर और भावे की कस्टडी बढ़ी

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पुणे : पोलीसनामा ऑनलाइन – महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक डॉ नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए एक वकील समेत दो आरोपियों द्वारा जांच में सहयोग नहीं दिया जा रहा है। सीबीआई ने शनिवार को यहां विशेष अदालत से कहा कि तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार वकील संजीव पुनालेकर और उनके सहायक विक्रम भावे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई की मांग पर अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश ए. वी. रोट्टे ने दोनों आरोपियों की रिमांड चार जून तक बढ़ा दी है। हालांकि, सीबीआई ने 14 दिनों की हिरासत मांगी थी।
हिंदू विधिज्ञा परिषद के कथित पदाधिकारी पुनालेकर ने 2013 के इस हत्याकांड में कुछ आरोपियों की पैरवी की थी। सीबीआई ने कहा कि पुनालेकर ने दाभोलकर के कथित शूटर में एक शरद कालास्कर को हथियारों को नष्ट करने के लिए कहा था, जबकि भावे ने इसमें उसकी मदद की थी। विशेष लोक अभियोजक (एसएसपी) प्रकाश सूर्यवंशी ने शनिवार को अदालत को बताया कि पुनालेकर और भावे जांचकर्ताओं के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं तथा उनसे पूछताछ के लिए और वक्त चाहिए। सूर्यवंशी ने कहा, ‘‘पुनालेकर का एक मोबाइल फोन, दो लैपटॉप बरामद किया गया है और मोबाइल के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि, आगे जांच के लिए पुनालेकर से पूछताछ की जरुरत है। पुनालेकर केवल वकील नहीं है, बल्कि वह ‘सनातन संस्था’ से भी जुड़ा हुआ हैं। उन्होंने मामले में अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची थी। उन लोगों के साथ भी, जो आरोपपत्र में नामजद हैं। भावे के बारे में सूर्यवंशी ने कहा कि आरोपी 2008 के ठाणे बम विस्फोट मामले में दोषी है। उन्होंने कहा कि भावे भी जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहा है। दाभोलकर मामले में सीबीआई ने सनातन संस्था के सदस्य और ईएनटी सर्जन विरेंद्रसिंह तावड़े और कथित शूटर सचिन अंडुरे और शरद कालस्कर को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि 20 अगस्त 2013 को मॉर्निंग वाक पर गए डॉ दाभोलकर की पुणे में हत्या कर दी गई थी। वे अपने जीवनकाल में अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाते रहे।
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