विवाद खत्म…माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई तय, 8848.86 मीटर पर मान गए चीन और नेपाल

काठमांडू/पेइचिंग. ऑनलाइन टीम : दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है। चीन और नेपाल के इस पर अलग-अलग दावे रहे हैं, लेकिन अब इन दोनों देशों ने संयुक्त रूप से कहा है कि माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8848.86 मीटर है।
इस घोषणा के साथ ही फिलहाल माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर जारी विवाद अब खत्म हो गया है। नई ऊंचाई का ऐलान नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त रूप से किया। इस विवाद को खत्म करने के लिए चीन ने पिछले दिनों 30 सदस्यीय सर्वेक्षण दल को रवाना किया था। यह चीनी दल माउंट चोमोलुंगमा बेस कैंप से एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए रवाना हुआ था। एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचकर इस दल ने ग्लोबल सैटलाइट सिस्टम की मदद से विश्व की इस सबसे ऊंची चोटी की माप की थी।
वास्तव में बहस यह थी कि ऊंचाई सबसे ऊंचे रॉक प्वाइंट पर आधारित होनी चाहिए या फिर सबसे ऊंचे स्नो प्वाइंट पर। कई सालों तक, नेपाल और चीन इस मुद्दे पर असहमत थे, जो 2010 में हल हो गया था, जब चीन ने नेपाल के स्नो हाइट 8848 मीटर होने के दावे को स्वीकार कर लिया था, जबकि नेपाली पक्ष ने रॉक हाइट 8,844.43 मीटर होने के चीनी दावे को मान लिया था। नेपाल सरकार के अधिकारियों ने चीन के साथ समन्वय किया था, जिसने हिमालय की ऊंचाई मापने के लिए अपनी टीम भेजी थी।
बता दें कि चीन ने वर्ष 1975 और 2005 में एवरेस्ट की ऊंचाई जारी की थी। वर्ष 1975 में एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.13 मीटर और वर्ष 2005 में 8,844.43 मीटर थी। 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नेपाल यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने संयुक्त रूप से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई की घोषणा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।