असम में 1.06 लाख जमीन के पट्टों का वितरण, मोदी ने कहा- स्वाभिमान, स्वाधीनता, सुरक्षा का समागम  

गुवाहाटी. ऑनलाइन टीम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर असम वासियों का दिल जीत लिया। जैसे ही मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता असम से होकर गुजरता है, वहां के लोग उनके मुरीद हो गए। यह दौरा विशेष रूप से  1.06 लाख जमीन के पट्टों के वितरण के लिए याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के 1 लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से  बड़ी चिंता अब दूर हो गई है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना के प्रति भी लोगों को सावधान किया और कहा टीके जरूर लगवाएं। यह भी याद रखें कि टीके का एक डोज नहीं, दो डोज लगवाना जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी अब तक उद्घाटन और शिलान्यास से संबंधित अपने अधिकतर कार्यक्रमों में डिजिटल माध्यम से जुड़ते रहे हैं। नये साल में यह पहला ऐसा कार्यक्रम है जब खुद प्रधानमंत्री इसमें शरीक हुए। असम में 2016 में 5.75 लाख मूल निवासी परिवार भूमिहीन थे। राज्य सरकार ने मई 2016 से 2.28 लाख आवंटन प्रमाण पत्र वितरित किए हैं। आज का समारोह इस प्रक्रिया का अगला कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के लोगों का आशीर्वाद और आत्मीयता मेरे लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के दिन स्वाभिमान, स्वाधीनता और सुरक्षा के तीन प्रतीकों का समागम हो रहा है।

मोदी की खास बातें-

– ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है।
-2014 से अटल जी की सरकार से लेकर असम की संस्कृति और सुरक्षा को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रही है।
– 5 साल पहले तक असम के 50 प्रतिशत से भी कम घरों तक बिजली पहुंची थी,  अब शत- प्रतिशत  पहुंच चुकी है।
– लगभग 70 जनजातियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। हम तेजी से विकास की ओर भी ले जा रहे हैं।
-जल जीवन मिशन के तहत बीते 1.5 साल में असम में 2.5 लाख से ज्यादा घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है।
– लगभग 40 प्रतिशत आबादी आयुष्मान भारत से लाभान्वित हुई है। 1.5 लाख लोगों को  मुफ्त इलाज मिल चुका है!
–  1.75 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं, जिससे COVID के दौरान सहायता प्रदान करने में मदद मिली।