रेल टिकट में फर्जीवाड़ा..सॉफ्टवेयर से हर महीने लाखों की कमाई, इंजीनियर्स की खुली पोल

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गाजियाबाद. ऑनलाइन टीम – फर्जी सॉफ्टवेयर से हर महीने लाखों की कमाई कर रहे इंजीनियर्स की पोल खुली है। शातिराना ढंग से इन्होंने पूरे देश में अपना सुनियोजित जाल बिछाया और रेल टिकटों में फर्जीवाड़ा के लिए एक पूरा नेटवर्क तैयार किया। आप सोच भी नहीं सकते, लेकिन देशभर में 15 हजार से ज्यादा एजेंटों को इन्होंने सॉफ्टवेयर किराए पर दिया था और हर एजेंट से सॉफ्टवेयर के लिए 600 रुपये प्रतिमाह किराए के रूप में लेते थे। कमाई का यह तरीका इतना गोपनीय और परिपक्व था कि किसी को शक होने की गुंजाइश ही नहीं थी।

इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुआ है। आरपीएफ ने दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी को ग्रेटर नोएडा से और दूसरे को बिहार के लखीसराय से गिरफ्तार किया गया है। दोनों ही आरोपी नोएडा में एक मीडिया संस्थान में नौकरी करते हैं। दोनों ने देखा कि आनंद विहार से बंगाल और बिहार जाने के लिए तत्काल टिकटों के लिए काफी मारामारी रहती है। ऐसे में बहुत से लोगों को टिकट नहीं मिल पाता। ऐसे में वह एजेंटों की मदद से टिकट बुक कराने की कोशिश करते हैं।

दरअसल, आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर तत्काल का टिकट बुक कराने के लिए काफी सारी जानकारियां भरनी होती हैं, जो काफी समय लेती हैं। इसे देखते हुए आरोपी सॉफ्टवेयर इंजिनियरों ने योजना बनाई और टिकट बुक करने के लिए तत्काल प्लस और तत्काल प्रो नाम से दो सॉफ्टवेयर बनाए। ये सॉफ्टवेयर एक मिनट में दो से तीन लोगों का टिकट बुक कर देता है। इसमें ऐसी व्यवस्था है कि सॉफ्टवेयर में कई यात्रियों की डिटेल एक साथ भरकर सभी को एक साथ सबमिट कर दिया जाता है। दोनों का प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल किया। सफलता मिलने पर टिकट एजेंटों को जोड़ना शुरू किया। दोनों आरोपी सॉफ्टवेयर के लिए 600 रुपये प्रतिमाह किराया भी लेते थे। दोनों आरोपियों के पास एमसीए की डिग्री है और दोनों ही मीडिया संस्थान में नौकरी करते हैं, जहां उन्हें अच्छी-खासी सैलरी भी मिलती है।

मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर आरपीएफ ने ग्रेटर नोएडा में छापेमारी की। वहीं से वाराणसी के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजिनियर अरुण कुमार यादव को पकड़ा गया। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपने साथी विपुल रंजन का नाम भी लिया। विपुल को पुलिस ने बिहार के लखीसराय से गिरफ्तार किया। दोनों के पास से लैपटॉप और कई डेबिट-क्रेडिट कार्ड भी बरामद किए गए हैं।

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