आज भी डॉक्टर्स हड़ताल पर, 400 से अधिक डॉक्‍टरों ने दिया इस्तीफा, ममता से बिना शर्त माफी की मांग

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कोलकाता  : पुलिसनामा ऑनलाईन – पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के बाद अब डॉक्टरों के हड़ताल से बंगाल में उथल-पुथल मच गया है। वहां सरकार और डॉक्‍टरों में तनातनी के बीच स्‍वास्‍थ्य संकट गहराता जा रहा है। राज्‍य के विभिन्‍न मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पतालों के 400 से अधिक डॉक्‍टरों ने सामूहिक इस्‍तीफा दे दिया है, जिससे यहां स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था चरमरा गई है। ये हड़ताल लगातार बढ़ती जा रही है। बंगाल से शुरू ये हड़ताल महाराष्ट्र समेत देश के अलग-अलग राज्यों तक पहुंच गई है। पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुये इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन (आईएमए) ने तीन दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ सोमवार 17 जून को हड़ताल का ऐलान किया है।

देश में डॉक्टरों के इस शीर्ष संस्था ने इंटर्न्स और डॉक्टर के खिलाफ हिंसा पर नियंत्रण के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग से आगे जाते हुये कहा कि इस कानून का उल्लंघन करने वालों को सात साल की सजा का प्रावधान होना चाहिये। आईएमए ने यह भी कहा कि शुक्रवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन शनिवार और रविवार को भी जारी रहेगा। इसमें डॉक्टर काले रंग के बिल्ले लगायेंगे और धरना देने के अलावा शांति मार्च निकालेंगे। बंगाल में डॉक्‍टर मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी से माफी की जिद पर अड़े हैं, जिन्‍होंने डॉक्‍टरों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वे काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्‍होंने यह भी कहा कि ‘बाहरी लोग’ यहां गड़बड़‍ियां फैला रहे हैं, जिसे वे किसी भी सूरत में बर्दाश्‍त नहीं करेंगी। डॉक्टरों का कहना है कि वे बाहरी नहीं हैं, बल्कि अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलन पर उतरे हैं। डॉक्टर्स के इस हड़ताल पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की बेटी शब्बा हकीम और तृणमूल कांग्रेस के नेता काकली घोष दस्तीदार के बेटे बैद्यनाथ घोष दस्तीदार भी हड़ताल में डॉक्टरों का साथ दे रहे हैं। इससे पहले बीते दिनों टीएमसी और भाजपा के तरह से भी राजनीतिक बयान सामने आये थे।

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