एक्सपर्ट्स ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी – कोरोना पर सरकार के कामकाज के तरीके पर उठाये सवाल

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बने नेशनल टास्क फोर्स के जानकारों ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा है कि भारत के कई जोन में अब कोरोना का सामुदायिक संक्रमण हो रहा है। इसलिए यह मानना गलत होगा कि मौजूदा समय में कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। फोर्स के सदस्यों ने कोरोना से निपटने के सरकार के तरीको की आलोचना की है।

इससे पहले अप्रैल में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की तरफ आईसीएमआर ने भी इशारा किया था। लेकिन हेल्थ मिनिस्ट्री ने तब इसकी उपेक्षा की थी. अप्रैल महीने में ही इस फोर्स का गठन किया गया था.

एम्स, बीएचयू, जेएनयू के जानकारों ने पीएम को लिखा खत
25 मई को मेडिकल क्षेत्र से जुडी तीन नामी संस्थाओ ने पीएम मोदी को खत लिखकर कोरोना के खिलाफ उठाये जा रहे सरकार के कदम की आलोचना की. इस पत्र पर सिग्नेचर करने वालो में स्वास्थ्य मंत्रालय पूर्व सलाहकार, एम्स, बीएचयू, जेएनयू के पूर्व और मौजूदा प्रोफेसर शामिल है।

लॉकडाउन के कठोर नियमों की आलोचना
पत्र में लिखा गया है कि यह सोचना कि इस स्तर पर कोरोना वायरस पर काबू पाया जा सकता है तो यह हकीकत से काफी दूर है। क्योकि भारत के कई क्लस्टर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है.

मजदूरों को मिलनी चाहिए थी घर जाने की परमिशन
पत्र में कहा गया है कि पहले ही मजदूरों को घर जाने की परमिशन दे दी जाती तो अभी के हालात से बचा जा सकता था। शहरों से लौटे मजदुर अब देश के कोने कोने में संक्रमण ले जा रहे है। इससे ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र प्रभावित होगा जहां ज्यादा मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं है। एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रमुख और रिसर्च ग्रुप के सदस्य डॉ. शशिकांत ने कहा कि यह पत्र तीन संस्थाओ दवारा जारी किया गया एक संयुक्त बयान है, यह कोई निजी राय नहीं है।

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