बेहद डरावनी आशंका… देश की एक तिहाई जनता होगी खतरे में, हॉटस्पॉट्स या कंटेनमेंट ज़ोन में फैलेगा वायरस

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में ये आशंका जताई जा रही है कि देश की एक तिहाई जनता, जो हॉटस्पॉट्स और कंटेनमेंट ज़ोन्स में रह रही है, वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकती है, या फिर संक्रमित होकर ठीक भी हो चुकी है। दरअसल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने जनसंख्या के आधार पर एक सेरो सर्वे किया था। ये सर्वे के ज़रिए ये पता लगाने की कोशिश की कि हाई रिस्क ज़ोन में वायरस किस हद तक फैला है। टेस्टिंग प्रोटोकॉल के ज़रिए देश के टॉप 10 हाई रिस्क शहरों से सैंपल्स लिए गए।

ये दस शहर हैं – मुंबई, ठाणे, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली, कोलकाता, इंदौर, जयपुर और चेन्नई। इन शहरों के 10 कंटेनमेंट ज़ोन्स को रेंडमली चुना गया, जहां से 500-500 सैंपल्स लिए गए। इनके अलावा देश के 21 राज्यों के 60 अन्य ज़िलों से भी 400-400 सैंपल्स लिए गए। इन ज़िलों को कोरोना के मामलों की संख्या के आधार पर बांटा गया था, इनमें से किसी में कम केस थे, किसी में थोड़े ज्यादा तो किसी में काफी ज्यादा। उसी के तहत हुए अध्ययन में पता चला है कि देश की 15 से 30 फीसद आबादी (30 फीसद यानी मोटा-मोटी एक तिहाई) वायरस की चपेट में आ चुकी है। वहीं सबसे ज्यादा संक्रमण मुंबई, दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद और इंदौर में है।

ICMR ने अपने सर्वे में ELISA बेस्ड एंटीबॉडी टेस्ट का इस्तेमाल किया। ELISA यानी (एंजाइम लिंक्ड इम्यूनोसोर्बेंट एसे)। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी, पुणे ने इस किट को तैयार किया था। इसके ज़रिए वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। पहले ये रिसर्च चीन से आई रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट से होना था, लेकिन उसमें खामियां निकलने के बाद ELISA के ज़रिए सेरो सर्वे किया गया। सूत्रों का कहना है कि अभी आठ ज़िलों के आंकड़ों पर रिसर्च चल ही रही है, फाइनल रिपोर्ट इस हफ्ते के आखिर तक पब्लिश हो जाएगी।

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