एफडी-पीपीएफ ने निवेशकों के भ्रम को तोड़ा, 5 साल में SIP से ज्यादा दिया रिटर्न

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – आम निवेशकों के बीच बैठी हुई आम धारणा को एफडी और पीपीएफ ने तोड़ दिया है। अभी तक लोग समझते रहे अथाव विश्वास करते रहे कि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिये किया हुआ निवेश सावधि जमा (एफडी) और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) के मुकाबले अधिक रिटर्न देता है, लेकिन बीते पांच साल में बहुत सारे इक्विटी स्कीम ने महज 3% से 5% सालाना रिटर्न दिया है। वहीं, एफडी और पीपीएफ ने इस दौरान निवेशकों को सालाना 7% से अधिक रिटर्न दिया है।

म्यूचुअल फंड में दोहरा नुकसान : म्यूचुअल फंड में भी निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है। इसके चलते इक्विटी म्यूचुअल फंड में भारी गिरावट आई है। जून में इसके पिछले महीने की तुलना में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 95 फीसदी की भारी गिरावट आ गई। यह चार साल का सबसे खराब आंकड़ा है। मई में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 5,246 करोड़ रुपये का था। इससे पता चलता है कि निवेशकों का म्यूचुअल फंड में निवेश के प्रति रुझान तेजी से घट रहा है। पांच साल के एफडी और पीपीएफ में किए हुए निवेश पर निवेशक आयकर की धारा 80सी के तहत आसानी से रिटर्न प्राप्त कर सकते थे, लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए। वहीं, रिटर्न भी उनको एफडी और पीपीएफ के मुकाबले काफी कम मिला। इस तरह निवेशकों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ा है।

5 साल रहे गवाह : बाजार विश्लेषकों का कहना है कि बीते पांच साल में शेयर बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इसके चलते अच्छी कंपनियों का मूल्याकंन भी तेजी से नीचे आया है। इसके चलते जो निवेशक हर साल 12 से 15 फीसदी के रिटर्न की उम्मीद लगा कर सिप में निवेश के लिए आए थे, उन्हें काफी झटका लगा है।

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