बाढ़ ने मंगल पर मचाई थी तबाही…4 अरब साल पहले गिरे उल्कापिंड ने किया था यह हाल, मिले सबूत 

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वॉशिंगटन. ऑनलाइन टीम : मंगल ग्रह वैज्ञानिकों के लिए शुरू से ही जिज्ञासा का केंद्र बना हुआ है। शोध लगातार जारी है। अभियानों में भी तेजी आई है। इस बीच, चौंकाने वाली जानकारी मिली है कि मंगल पर करीब 4 अरब साल पहले भयानक बाढ़ आई थी।

बता दें कि साल 2011 में नासा द्वारा एक रोवर मंगल मिशन के लिए भेजा गया था। इसी की रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि मंगल ग्रह पर हो सकता है बर्फ रहा होगा और उल्कापिंड के संपर्क में आने के कारण यहां की बर्फ पिघल गई और भीषण बाढ़ आई होगी। यह निष्कर्ष जैक्सन स्टेट यूनिवर्सिटी, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के रिसर्च में सामने आया है। इसमें बताया गया है कि यह घटना मंगल ग्रह पर लगभग 4 अरब साल पहले घटित हुई होगी।

वैज्ञानिकों ने रोवर क्यूरियोसिटी के डाटा की जांच के बाद यह पता लगाया है कि गेल क्रेटर में इस भयानक बाढ़ के पानी की गहराई लगभग 78 फीट तक थी, लेकिन यह विनाशकारी तब हो गया जब लहरे उठने लगीं। आंकड़ों की जांच के बाद बताया जा रहा है कि हर सेकेंट एक 32 फीट की लहर यहां उठने लगी थी। यहां 4 अरब साल पहले मौजूद बर्फ पर कोई उल्कापिंड गिरा होगा, इस टक्कर के बाद जो गर्मी और उर्जा निकली होगी, उस कारण बर्फ पिघल गया और भयानक बाढ़ के रूप में बदल गया होगा। इसकी वजह से मंगल पर मौजूद बर्फ पिघल गई और कार्बनडायऑक्साइड और मीथेन रिलीज होने लगीं। इससे मंगल पर हालात गर्म और गीले हालात पैदा हुए। इसके बाद भारी बारिश हुई होगी।

शुरुआती दिनों में मंगल के हालात ऐसे थे कि वहां तरल पानी हुआ करता था। शोधकर्ताओं के अनुसार,  इससे संकेत मिलते हैं कि वहां जीवन संभव था, लेकिन क्या वहां जीवन था? इसके जवाब ढूंढने में Perseverance रोवर मदद कर सकता है।  जैकसन स्टेट यूनिवर्सिटी, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी और यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के वैज्ञानिक लगातार इसका परीक्षण कर रहे हैं।

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