70 साल में पहली बार यूएन के महासचिव पद का चयन पर्दे से बाहर, सुनाई दी ‘भारतीय’ धमक
नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : संयुक्त राष्ट्र के 70 साल के इतिहास में पहली बार महासचिव पद की चयन प्रक्रिया गोपनीय पर्दे से बाहर निकली। अगला महासचिव बनने के लिए नौ उम्मीदवार मैदान में हैं। चर्चा में एक नाम खास है, वह भी भारत के लिए। आंकाक्षा अरोड़ा…। जी हां, भारतीय मूल की आकांक्षा अरोड़ा ने भी इस बार संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद के लिए दावेदारी पेश की है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) में लेखा परीक्षा समन्वयक के तौर पर कार्यरत आकांक्षा अरोड़ा मौजूदा महासचिव एंतोनियो गुतारेस के खिलाफ उम्मीदवारी की घोषणा करने वाली पहली शख्स हैं। उन्होंने अपनी ‘अरोड़ाफॉरएसजी’ मुहिम इस महीने आरंभ की।
आकांक्षा ने ऑनलाइन जारी किए गए गई ढाई मिनट के अपने वीडियो में कहा, ‘मेरे पद के लोगों से प्रभार संभाल रहे लोगों के खिलाफ खड़े होने की अपेक्षा नहीं की जाती। हमसे अपेक्षा की जाती है कि हम अपनी बारी का इंतजार करें, पुरानी प्रक्रिया के अनुसार काम करते रहें, काम पर जाएं, अपने सिर झुकाकर रखें और दुनिया जैसी है, उसे वैसा ही स्वीकार कर लें।’ उन्होंने दो टूक कहा कि इसके पहले अनेक चेहरे संयुक्त राष्ट्र को जवाबदेह बनाने में नाकाम रहे हैं और इसी लिए वह संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद के चुनाव में खड़ी हो रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मोगेंस लाइकेटॉफ्ट ने कहा, ‘हमने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता और समग्रता के नए मापदंड स्थापित किए हैं। इसका प्रभाव महासचिव पद के चयन के लिए अंतिम फैसले में पड़ेगा।’ चयन प्रक्रिया पिछले मंगलवार से शुरू हुई थी। हर उम्मीदवार को दो घंटे दिए गए थे। सवाल जवाब का टीवी और वेबसाइट पर सीधा प्रसारण किया गया। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से लगभग सभी ने सवाल पूछे। इस दौरान उम्मीदवारों ने अपने विजन दस्तावेज भी पेश किए।