बार-बार भूकंप बड़े खतरे की चेतावनी, धरती में हो रहे ‘ये’ बदलाव

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – दिल्‍ली में लॉकडाउन के बाद से छह बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। शुक्रवार सुबह कर्नाटक के हम्‍पी और झारखंड के जमशेदपुर में भूकंप के हल्‍के झटके महसूस किए गए। रिक्‍टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 4 से 5 के बीच रही। हरियाणा के रोहतक में शुक्रवार को दो भूकंप आए जिसके झटके दिल्‍ली तक महसूस हुए। राहत की बात ये रही कि इनकी तीव्रता कम थी जिससे जानमाल को नुकसान नहीं हुआ। हालांकि ये छोटे-छोटे भूकंप किसी बड़े खतरे की आहट जरूर दे रहे हैं।

वरिष्ठ वैज्ञानिकों के मुताबिक, देश की राजधानी और उसके आसपास के इलाके में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। इसके पीछे कारण ये है कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले एक महीने से लगातार छोटे-छोटे भूकंप के कई झटके आ चुके हैं। भूकंप की निगरानी करने वाली देश की सर्वोच्च संस्था द नेशनल सेंटर ऑफ सीसमोलॉजी ने बताया है कि 12 अप्रैल से 29 मई तक दिल्ली-NCR में 10 भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस पर अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर ये दिल्ली-एनसीआर की जमीन के नीचे हो क्या रहा है। क्या कहीं और आ रहे भूकंप की वजह से दिल्ली-एनसीआर कांप रहे हैं। अब लोग डर की वजह से सोशल मीडिया पर इमरजेंसी किट/बैग रखने की सलाह दे रहे हैं।

आज सकता है महाभूकंप –
जवाहरलाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन ने आशंका जताई है कि दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। लेकिन, ये कब आएगा और कितना ताकतवर होगा, ये कह पाना मुश्किल है। सीपी राजेंद्रन ने 2018 में एक स्टडी की थी। जिसके मुताबिक साल 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक 600 किलोमीटर लंबी सीसमिक गैप बन गई थी। यानी जमीन के अंदर एक बड़ा गैप बन गया है। यह एक सक्रिय भूकंपीय फॉल्ट है। उनके मुताबिक,पिछले 600-700 सालों से ये गैप शांत है। लेकिन, इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बन रहा है। हो सकता है कि यह दबाव भूकंप के तौर पर सामने आए। अगर यहां से भूकंप आता है तो यह 8.5 तीव्रता तक हो सकता है।

अगर ऐसा कुछ होता है तो भयावह तबाही का मंजर देखने को मिलेगा। दिल्ली-एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं। इसमें से कुछ दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं। इनके साथ ही कई सक्रिय फॉल्ट्स भी इनसे जुड़ी हैं। ये सारे फॉल्ट्स हिमालय के टेक्टोनिक प्लेट से सटे हुए हैं, ऐसे में हिमालय के टेक्टोनिक प्लेट में होने वाले बदलावों की वजह से दिल्ली के आसपास के फॉल्ट्स हिलते हैं या कांपते हैं जिनकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

राजेंद्रन ने बताया कि इंडियन प्लेट लगातार उत्तर की ओर खिसक रही है। इसकी वजह से हिमालय में दबाव बन रहा है। जिस दिन ये दबाव रिलीज होगा, एक भयानक भूकंप या भूकंपों की श्रृंखला आ सकती है। लेकिन, ये कब होगा ये बता पाना बेहद मुश्किल है। यमुना नदी की मिट्टी ऐसी है कि उसपर भूकंप का ज्यादा खतरा है। इसकी वजह से इमारतों को नुकसान पहुंच सकता है।

इन राज्यों में पड़ेगा असर –
हिमालय की तरफ से भूकंप आएगा तो दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र पर ज्यादा असर पड़ेगा। दिल्ली सीसमिक जोन 4 में हैं। यानी ज्यादा खतरनाक और संवेदनशील इलाके में है। भूकंप आएगा तो दिल्ली एनसीआर में भयावह तबाही का मंजर देखने को मिलेगा। कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि भूकंप के लिहाज से दिल्ली काफी संवेदनशील इलाका है।

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