Nagar Urban Co Operative Bank | महाराष्ट्र : नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में गोल्ड लोन घोटाला!

gold loan scam in nagar urban co operative bank

अहमदनगर न्यूज़ (Ahmednagar Hindi News) : पुलिसनामा ऑनलाइन (policenama online hindi) – नगर अर्बन बैंक  (nagar urban co operative bank) से स्वर्ण संपार्श्विक पर लिया गया ऋण संबंधित द्वारा चुकाया नहीं गया था। जिसके बाद बैंक ने सोने की नीलामी करने का फैसला किया। हालांकि नीलामी से पहले जैसे ही जांच शुरू हुई तो पता चला कि पहले पांच बैग में सोने की जगह बेंटेक्स के गहने थे। जिससे नीलामी की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पायी। नीलामी के लिए आए सर्राफा व्यापारी चले गए। इससे बैंक में करोड़ों रुपये का गोल्ड मॉर्गेज घोटाला (gold loan scam) हुआ है। हालांकि आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू की गई। gold loan scam in nagar urban co operative bank

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यह मामला नगर अर्बन बैंक की शेवगांव शाखा (Shevgaon Branch) का है।
बैंक की कुछ पुणे और शहर की शाखाओं में फर्जी ऋण के मामले पहले ही सामने आ चुके हैं और अब कुछ और मामले दर्ज किए गए हैं। शेवगांव शाखा में सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वाले कर्जदारों ने भुगतान नहीं किया।
इसलिए सोने को नीलामी के लिए रखा गया था। ऐसे 364 बैग नीलामी के लिए लाए गए।
कर्जदारों ने करोड़ों रुपये उधार लिए हैं। नीलामी की प्रक्रिया शुरू होते ही बैग खोलकर सोने की जांच की गई।
पहले पांच बैगों में नकली सोने के आभूषण पाए गए।
तो, नीलामी के लिए बोली लगाने आए बारटेंडर, यह संदेह करते हुए कि अन्य आभूषण भी उसी स्थिति में थे, चले गए।

इससे बैंक में एक बड़ी लापरवाई का पर्दाफाश हुआ है।
बैंक की ओर से आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बैंक के भ्रष्टाचार पर लगातार नजर रखने वाले बैंक के पूर्व निदेशक राजेंद्र गांधी, अनिल गट्टानी, भवनाथ वाकले
और पोपट लोढ़ा वहां पहुंचे। उन्होंने इस बारे में प्रशासक से पूछा।
हालांकि प्रशासक महेंद्र कुमार रेखी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

इससे पहले बैंक में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय दिलीप गांधी (Union Minister Late Dilip Gandhi) की अध्यक्षता में निदेशक मंडल था।
बैंक के भ्रष्टाचार की जांच के बाद निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया गया
और प्रशासन को प्रशासक को सौंप दिया गया। हालांकि पुराने मामले अब भी सामने आ रहे हैं।
इस संबंध में राजेंद्र गांधी ने कहा – शेवगांव शाखा में सोने की तस्करी का फर्जी मामला 2018 में ही दर्ज होना चाहिए था।
हालांकि, इतने सालों से इसे टाला गया।
यह देरी बैंक, उसके सदस्यों और जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है।
बैंक के आधिकारिक मूल्यांकक अभिजीत घुले ने बैंक में प्रशासक के आने के बाद बैंक को एक पत्र लिखा,
जिसमें कहा गया था कि उन्होंने अपने नाम से मूल्यांकन रिपोर्ट नहीं दी थी और बैंक को धोखा दिया गया था।
कर्ज के ऐसे 17 फर्जी मामले हैं।

Web Title : gold loan scam in nagar urban co operative bank

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