खुशखबर…भारत में कोरोना की वैक्सीन का क्लीनिकल टेस्ट अगले छह माह में शुरू हो सकता है

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – भारत के शीर्ष चिकित्सा निकाय ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन के लिए कम से कम 6 महीने में मानव परीक्षण शुरू हो सकते हैं। रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के निदेशक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख डॉ. रजनीकांत ने कहा है कि पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) प्रयोगशाला में वायरस का स्ट्रेन पृथक किया गया है, जिसका उपयोग अब इस जानलेवा वायरस की वैक्सीन बनाने में किया जाएगा। इस स्ट्रेन को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) में स्थानांतरित भी कर दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले छह माह के अंदर इस वैक्सीन का इंसान पर टेस्ट संभव हो सकता है।

कमजोरी पर ध्यान जरूरी : भारत में बढ़ते मामलों पर आईसीएमआर प्रमुख ने कहा कि इससे चिंतित होने की जरुरत नहीं है। उनके मुताबिक हमें संख्या की बजाय उन कमजोर समूहों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए जो इनकी वजह बन रहे हैं। हमारा फोकस 5-10 फीसद गंभीर मरीजों पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम रोजाना एक लाख से अधिक परीक्षण कर रहे हैं और हमारे यहां कोविड मामलों की मृत्युदर पहले से ही दुनिया में सबसे कम है। लिहाजा, वैक्सीन के अभाव में, लोगों को सामाजिक दूरी के दिशा-निदेर्शों का पालन करना चाहिए, जो बहुत कारगर होगा।

क्लस्टर प्रबंधन पॉलिसी बनानी होगी : उनके मुताबिक इस तरह के हॉटस्पॉट्स को इससे निजात दिलाने के लिए एक मजबूत क्लस्टर प्रबंधन पॉलिसी बनानी होंगी। इसके अलावा इन क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद करने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि बढ़ते मामलों के बीच भी लोग इसको लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। लोग आसानी से घूम रहे हैं और सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं। उनके मुताबिक लॉकडाउन का पहला चरण बहुत प्रभावी था, लेकिन अब चीजें बदल गई हैं।

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