घर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी! फ्लैट के लिए ली रकम बिल्डर वापस करेगा

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नई दिल्ली : पोलीसनामा ऑनलाईन – आपने अगर एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 के बीच में कोई फ्लैट बुक कराया है या फिर फ्लैट कैंसल कराया है तो बिल्डर आपको उस पर किए गए जीएसटी भुगतान का रिफंड देगा। टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी बयान में यह बात सामने आई है। जिस बिल्डर के प्रोजेक्ट 1 अप्रैल 2018 के पहले से चल रहे हैं उनके मामले में उन्हें नई व्यवस्था अपनाने का विकल्प दिया गया है। ऐसे प्रोजेक्ट के लिए या तो पुरानी जीएसटी व्यवस्था को जारी रख सकते हैं या फिर एक फीसदी और 5 फीसदी की नई दर को अपना सकते हैं।

इससे पहले की पुरानी व्यवस्था में सस्ती आवासीय परियोजनाओं के लिए 8 फीसदी और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों के लिए 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने का प्रावधान है।  इसमें इनपुट टैक्स फ्रेडिट सुविधा का लाभ भी बिल्डर उठा सकते हैं जबकि नई व्यवस्था में दरें घटी दी गई हैं और इनपुट टैक्स के्रडिट सुविधा को समाप्त कर दिया गया है।

अब क्या हुआ बदलाव

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की ओर से जारी स्पष्टीकरण में बताया गया है कि रियल इस्टेट सेक्टर को लेकर आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब में यह स्पष्टीकरण दिया गया है। रियल इस्टेट क्षेत्र में जीएसटी दरों में किये गए बदलाव को लेकर यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है। इस बदलाव के तहत बिल्डरें को अब बिना इनपुट टैक्स के्रडिट सुविधा का लाभ उठाये सस्ती आवासीय परियोजनाओं पर एक फीसदी और श्रेणियों की आवासीय इकाइकों पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने की अनुमति दी गई है। नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2019 से लागू हो गई है।

डेवलपर खरीदार के लिए के्रडिट नोट जारी कर सकता टैक्स डिपार्टमेंट के जारी किये गये सवाल-जवाब (एफएक्यू) में कहा गया है कि फ्लैट का दाम बदलने या फिर बुकिंग निरस्त होने की स्थिति में डेवलपर धारा 34 में दिए गए प्रावधानों के अनुरुप खरीदार के लिए क्रेडिट नोट जारी कर सकता है।

अगर किसी बिल्डर ने 1 अप्रैल 2019 से पहले की 10 लाख रुपए की बुकिंग राशि पर 12 फीसदी की दर से 1।20 लाख रुपए का जीएसटी भुगतान किया है। तब ऐसी बुकिंग के निररूत होने की स्थिति में बिल्डर्स को उसकी अन्य जीएसटी की देनदारियों के समक्ष 1।20 लाख रुपए के अडजेस्टमेंट की अनुमति होगी। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि इस स्पष्टीकरण से निश्चित ही पुरानी बुकिंग निरस्त कराने वाले ग्राहकों का टैक्स बोझ कम होगा।

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