दीफू (असम) : समाचार ऑनलाइन – असम के कार्बी आंगलोंग में एक मरीज की मौत वैन में ही हो गई। कोविड-19 के इस मरीज की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने गांव में उसके अंतिम संस्कार का विरोध किया। यहां तक कि मुर्दाघर के कर्मचारियों ने 58 वर्षीय व्यक्ति के शव को ले जाने से इनकार कर दिया। उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार कार्बी आंगलोंग के पुलिस अधीक्षक देवजीत देउरी ने अपने सुरक्षा गार्डों के साथ मंगलवार को किया।

रास्ते में ही दम तोड़ा : चेन्नई से 26 मई को असम लौटने के बाद उस व्यक्ति को बोकोलिया घाट में एक क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था। नमूने के नकारात्मक परीक्षण के बाद होम क्वारंटीन की सलाह दी गई थी। रविवार दोपहर को जब उसकी हालत बिगड़ी, तो परिवार के सदस्य उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। उसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए थे, इसलिए उसकी कोरोना की जांच की गई और सोमवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कर्मियों ने शव उठाने से इनकार किया

चश्मदीदों के मुताबिक, जब दीफू मेडिकल कॉलेज, अस्पताल के मुर्दाघर में कर्मियों ने शव को उठाने और एक वैन में रखने करने से इनकार कर दिया, तब पीपीई किट पहन देउरी ने अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ शव को बाहर निकाला और अंतिम संस्कार किया। उन्होंने कहा कि हम जिला स्वायत्त परिषद द्वारा प्रदान किए गए निर्दिष्ट क्षेत्र में शव का अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन वहां के स्थानीय लोगों ने इसका विरोध कर दिया। उनका कहना था कि इससे उन्हें अपने स्वास्थ्य का खतरा है। अनुरोध पर काउंसिल के मुख्य कार्यकारी सदस्य ने डोडोली आरक्षित वन में एक वैकल्पिक क्षेत्र प्रदान किया, लेकिन काफी देर होने की वजह से अंतिम संस्कार सोमवार की रात को नहीं किया जा सका।

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