सरकार बनी तो बीजेपी-सेना के समान मंत्री होंगे :  मंत्री चंद्रकांत पाटिल

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पुणे : पोलिसनामा ऑनलाईन – राज्य में भाजपा व शिवसेना में गठबंधन होगा तथा दोनों पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगी। इस बार सरकार बनी तो इससे पहले तय फार्मूले के मुताबिक मंत्रिमंडल में दोनों दलों को समान मंत्रीपद मिलेंगे। यदि पार्टी मुझे अवसर देती है तो मैं मुख्यमंत्री बनकर जनता की सेवा करने तैयार हूं। यह बात भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने पुणे श्रमिक पत्रकार संघ द्वारा पत्रकार भवन में शुक्रवार को आयोजित वार्तालाप कार्यक्रम के दौरान कही। इस अवसर पर पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रसाद कुलकर्णी व उपाध्यक्ष अभिजीत बारभाई भी मंच पर थे।

भाजपा के पास 30 व शिवसेना के पास 13 मंत्रीपद हैं

बता दें कि मौजूदा मंत्रिमंडल में भाजपा के पास 30 व शिवसेना के पास 13 मंत्रीपद हैं। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि सीट बंटवारे का फार्मूला भी पहले ही तय हो चुका है, लेकिन जिन सीटों पर पेंच फंसा रहेगा, उसका निपटारा उद्धव ठाकरे व देवेंद्र फडणवीस करेंगे।

उन्होंने कहा कि चुनाव किस तरीके से कराने हैं, यह चुनाव आयोग तय करता है। चुनाव आयोग चाहे ईवीएम, बैलेट, हाथ उठाकर या ध्वनिमत से वोटिंग कराएं, हम किसी भी सिस्टम से कराए जाने वाले मतदान के लिए तैयार हैं। चुनाव आयोग स्वायत्त संस्था है और चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी बातें उसी के जरिए तय होती है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने भी कुछ निर्देश दिये और चुनाव आयोग ने इस पर अमल करते हुए वीवीपीएटी सिस्टम पर अमल किया।

छगन भुजबल और नारायण राणे को कैसे तोड़ा गया था

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार व अन्य नेताओं ने हाल ही में भाजपा पर आरोप लगाया था कि बीजेपी द्वारा अन्य दलों के नेताओं को ईडी, आईटी व सीबीआई का डर बताकर पार्टी में शामिल किया जा रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर पाटिल ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा लगाया जा रहा यह आरोप पूरी तरह झूठा है कि भाजपा द्वारा ईडी व आईटी का डर बताकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं को पार्टी में शामिल करा रही है। यदि भाजपा का कोई भी नेता आर्थिक मामले में दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने सवाल किया कि छगन भुजबल, गणेश नाईक व नारायण राणे को शिवसेना से तोड़कर एनसीपी व कांग्रेस में शामिल करने के लिए क्या ईडी व आईटी का डर बताया गया था?

उन्होंने कहा कि ईडी या आईटी की कार्रवाई दो-चार महीने में नहीं होती। ये विभाग लंबे समय तक बारीकी से नजर रखते हैं और उसके बाद ही कार्रवाई करते हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी ही और जिनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिलेगा वे छूट भी जाएंगे। मेरी जानकारी में फिलहाल कई लोगों की जांच पूर्ण हो गई है और कुछ मामलों में जल्द ही केसेस दाखिल होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सहकारी संस्था चलाने के लिए ऋण लेने वाला संस्था से संबंधित व्यक्ति सामाजिक दृष्टि से अपात्र ठहराया नहीं जा सकता।

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