बीमारी की वजह से नौकरी जाती है तो परेशान न हो, कंपनी देगी मुआवजा 

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नई दिल्ली, पोलिसनामा ऑनलाइन – अब कंपनियों को उन कर्मचारियों को मुआवजा देना होगा जिन्हे लंबी बीमारी के बाद नौकरी से निकाला जाता है. अब औधोगिक संबंध संहिता विधेयक, 2019 में ऐसे कामगारों को मुआवजा देने का नियम बनाया गया है. केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में श्रम पर संसद के स्थाई समिति के सामने इस विधेयक को पेश किया था.

क्या है मौजूदा नियम
औधोगिक विवाद अधिनियम 1947 के अनुसार छंटनी करने पर कंपनी दवारा कामगारों को मुआवजा देना देना  पड़ता है. इसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शामिल है।  इस अधिनियम के तहत अगर कोई कामगार लंबे समय से बीमार रहने की वजह से नौकरी से निकाला  जाता है तो कंपनी को मुआवजा देना होगा।

 

सरकार के इस कदम का स्वागत है
आरएसएस के आर्थिक इकाई भारतीय मजदुर संघ के महासचिव वृजेश उपाध्याय ने कहा है कि बीमारी कामगारों के वश में नहीं है. लंबी बीमारी के कारण नौकरी खत्म कर दी जाती है. इसमें कभी कभी औधोगिक विवाद भी पैदा हो जाता है।  कामगार अपने हक़ के लिए इसे उचित मंच तक नहीं ला पाते है. इसलिए सरकार का यह कदम स्वागतयोग्य है.

 

तय समय से पहले भी नौकरी से निकालने पर मिलेगा मुआवजा
अगर कंपनी किसी को नौकरी से निकलती है तो उसे एक महीने का नोटिस और मुआवजा देना होगा। ऐसे कर्मचारियों को छंटनी से बचाने के लिए प्रावधान  किया गया है. जिन्हे एक निश्चित समय के लिए नौकरी पर रखा गया है. अगर तय समय से पहले नौकरी से निकाला जाता है तो कामगार को मुआवजा देना होगा।

इस तरह के मामले में नहीं मिलेगा मुआवजा
किसी कामगार को तय अवधि के बाद नौकरी से निकाला जाता ही तो वह कामगार मुआवजा पाने का हक़दार नहीं होगा। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि अगर निश्चित अवधि के अनुबंध वाले कामगारो को पहले निकाला जाता है तो कंपनी को मुआवजा देना होगा।

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