पढ़ने नहीं दिया तो पिता के खिलाफ पुलिस स्टेशन पहुंचा ‘मासूम’; पिता के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की

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पोलिसनामा ऑनलाईन – “मेरे पिता मुझे पढ़ने नहीं देते, टीवी देखते रहते हैं, मेरी मां को मारते हैं. इसलिए उनके खिलाफ मैं अपराध दर्ज करवाने आया हूं.” यह कहना है, 12 साल के छोटे से बच्चे का जो अपने पिता की इन हरकतों से परेशान होकर पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया. हैं ना! यह अजीब! लेकिन जिसने भी इस मासूम की यह व्यथा सुनी, सन्न रह गया. हालांकि पुलिस भी इस अजीब मामले को लेकर कशमकश में आ गई कि किया क्या जाए?

कैसी विडम्बना है कि, यह मासूम पढना चाहता है, लेकिन उसका सगा पिता ही, उसे अंधकार में धकेलने का काम कर रहा है. जबकि आमतौर पर ऐसा होता है कि माँ-बाप बच्चे को पढ़ाना चाहते हैं,लेकिन बच्चा दूर भागता है.

क्यों पुलिस का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हुआ मासूम !

यह मामला जामनेर (जलगाँव) के भुसावल रोड का है. यहाँ अपने माँ-बाप के साथ रह रहा मासूम बुधवार को सुबह करीब 1.30 बजे जामनेर पुलिस स्टेशन पहुंच गया. उस समय भारी बारिश हो रही थी और बच्चे ने बनियान के साथ हाफ चड्डी पहनी हुई थी. यहाँ पहुंच कर बच्चे ने अपने पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की अपील की, क्योंकि उसका कहना था कि उसके पिता उसे पढने नहीं देते और माँ को भी मारते हैं. मासूम की यह बात सुन कर वहां मौजूद पुलिस वाले भी दंग रह गए और उसकी हिम्मत की दाद देने लगे.

यह जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर प्रताप इंगले ने बताया कि बच्चे की माँ खेत में काम करती है और पिता मिस्त्री है. उनके दोनों बच्चे शेंगोले आश्रम स्कूल में पढ़ते हैं.

पुलिस ने मासूम को दिलाए नए कपड़े, सैंडल  

मासूम की मासूमियत और उसके पढने के जज्बे को लेकर पुलिस इंस्पेक्टर प्रताप इंगले व पुलिसकर्मी नीलेश घुगे गदगद हो गए. बच्चे से पूछताछ करने के बाद वे उसे मार्केट ले गए. वहां से उसे नए कपड़े दिलाए. फिर बच्चे ने सैंडल मांगे तो वो भी दिला दिए. हालांकि पुलिस ने बच्चे के माँ-बाप को पुलिस स्टेशन पर बुलाकर फिलहाल समझा दिया है.

इलाके के लोग मासूम के जज्बे और पुलिस की बच्चे के प्रति मानवता भरे व्यवहार की तारीफ कर रहें हैं.

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