अगर चाहिए स्वस्थ दांत तो आजमाये ये उपाय!

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पुलिसनामा ऑनलाईन – 

जरूरी बात

भारत में दांतों की देखभाल में असमानता है। इसके अलावा, भारत में बहुत बड़ी आबादी मसूड़ों की बीमारी की शिकार है। इनमें से सिर्फ 2 प्रतिशत आबादी दांतों के डॉक्टर के पास जाती है। स्वास्थ्य अच्छा हो तो आपको सांसों में बदबू या गंदे पीले दांतों जैसी अपमानजनक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। आइए जानते हैं दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ

रखने के कुछ उपाय
* अपने दांतों को रोज दो बार ब्रश करें। दांतों का क्षरण रात भर में भी हो सकता है, जब आप सो रहे होते हैं। इसलिए सोने से पहले और सुबह भी दांतों को ब्रश से साफ करें। नियमित रूप से ब्रश से दांत साफ करना अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल कीजिए। आपके दांत और मसूड़े आपको धन्यवाद देंगे।
* दांतों के डॉक्टर के पास नियमित जाइए, क्या दांतों के डॉक्टर के पास जाने के बारे में सोचने पर आपको परेशानी होती है? अगर आप मुंह की देखभाल के लिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाते रहें तो इतनी परेशानी नहीं होगी। नियमित जांच से यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी समस्या हो तो डॉक्टर को समय रहते उसका पता चल जाए और उपयुक्त उपचार किया जा सके।
* भोजन के समय मीठे और स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ कम खाने की कोशिश कीजिए। मीठी और स्टार्च वाली चीजें ज्यादा खाने से सड़न हो सकती है और अम्लीय खाद्य पदार्थ व पेय से क्षरण हो सकता है। यह खाने या पीने के 20 मिनट के अंदर शुरू हो सकता है। अगर आप ऐसी चीजे खाना-पीना चाहते हैं तो इन्हें भोजन के भाग के रूप में लीजिए तब नुकसान कम होगा।

तीन इंच चौड़ी थी दुनिया की पहली बैंडेड
* मानव शरीर के एक वर्ग इंच त्वचा में लगभग 19 करोड़ कोशिकाएं होती हैं। पूरे शरीर में दस खराब कोशिकाएं होती हैं।
* खर्राटों की ध्वनि एक न्यूमैटिक ड्रिल से निकलने वाले शोर से भी अधिक होती है। यह 69 डेसिबल तक पहुंच सकती है।
* मनुष्य के पेट में मेटल्स को गलाने वाले हाइड्रोक्लोरिक द्रव का स्त्राव होता है, यह द्रव स्टील को भी गला देता है। आमाशय में म्यूकस की पर्त के कारण यह विषैला द्रव्य पाचन तंत्र को हानि नहीं पहुंचा पाता।
*  दुनिया की पहली बैंडेड 3 इंच चौड़ी और 18 इंच लंबी थी। लोग अपने घावों की आवश्यकता के अनुसार इसे काटकर अपना बैंडेड खुद बनाते थे।
* रक्त समूह में ङ्गए-एचफ दुर्लभ होता है। अब एक यह सिर्फ 12 व्यक्तियों का ब्लडग्रुप ङ्गए-एचफ पाया गया। इसके विपरीत विश्व भर में ङ्गओफ ब्लडग्रुप वाले व्यक्ति सबसे अधिक पाए जाते हैं।

आयुर्वेद

हल्दी
* चोट लगने से घाव बन गया हो या फिर मोच आ गई हो, तो हल्दी का पेस्ट बनाकर उसको चोट वाली जगह पर बांधने से चोट से होने वाला संक्रमण खत्म हो जाता है।
* हल्दी वाला दूध पीने से शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी घटती है।
* सोने से आधा घंटा पहले हल्दी वाला दूध पी लें, नींद अच्छी आएगी।

अमरबेल
* खून की खराबी होने पर कोमल ताजी पत्तियां चबा-चबाकर चूसें।
* इसके पत्तों के रस में सादा नमक मिलाकर दांतों पर मलने से दांत चमकीले होते हैं।
* टहनी का दूध चेहरे पर लगाने से निखार आता है।

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