इमरान ने फिर अलापा कश्मीर राग, बालाकोट एयरस्ट्राइक को बताया, न भूलने वाली तहरीर

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इस्लामाबाद. ऑनलाइन टीम : पाकिस्तान भारत के साथ कभी भी सीधा चाल नहीं चल सकता। उसे आतंक को पोषित करने और फिर भारत में खून-खराबा कराना ही एकमात्र रास्ता दिखाई देता है। अभी कल शुक्रवार को ही दोनों देशों के बीच सहमति बनी कि दोनों देश एक दूसरे की संप्रभुता में दखल नहीं देंगे। दोनों देश सीमा पर शांति बहाल करने के लिए 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते का पूरी तरह पालन करने पर राजी हुए।

दोनों सेनाओं के सैन्य अभियानों के महानिदेशक यानी डीजीएमओ के बीच एलओसी पर लगातार जारी गोलाबारी की बड़ी घटनाओं के बाद यह बातचीत बुधवार को हुई और गुरुवार से यह संघर्ष विराम जमीनी हकीकत भी बन गया। मगर इसके एक ही दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सुर बदल दिया। सीजफायर उल्लंघन और भारत में घुसपैठ करने वाले आतंकियों की पनाहगाह बने पाकिस्तान को उन्होंने ‘शांति और स्थिरता’ का पक्षधर बताया है और सारी जिम्मेदारी भारत पर डाल दी है।

इमरान ने ट्वीट किया है, ‘पाकिस्तान पर भारत के अवैध सैन्य हवाई हमले के दो साल होने पर मैं पूरे देश और अपनी सेना को बधाई देता हूं। एक गर्वित और आत्मविश्वासी राष्ट्र के तौर पर हमने अपने हिसाब से समय और जगह पर दृढ़ता से प्रतिक्रिया दी। कैद किए गए पायलट को वापस करके हमने भारतीय भारत की गैर-जिम्मेदाराना सैन्य अस्थिरता के सामने हमने दुनिया को भी पाकिस्तान का जिम्मेदार रवैया दिखाया, पर लंबे वक्त से चली आ रही कश्मीर की आजादी की मांग और अधिकार को देने के लिए UNSC रेजॉलूशन के मुताबिक भारत को कदम उठाने चाहिए।’

याद रहे, 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में CRPF सैनिकों पर आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके जवाब में भारत ने 26 फरवरी को आतंकी कैंप्स को निशाना बनाते हुए बालाकोट पर एयरस्ट्राइक कर डाली। इस पर बौखलाए पाकिस्तान ने अगले दिन भारतीय सीमा में अपने विमान भेज दिए। भारतीय वायुसेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए इन विमानों को खदेड़ दिया था।

पाकिस्तान को कश्मीर का दर्द भुलाए नहीं भूलता। आज़ादी के बाद पिछले सत्तर सालों में भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बार जंग हो चुकी है। पाकिस्तान इसके बाद से लगातार छद्म युद्ध कर रहा है। हर तरफ मुंह की खाने के बाद भी सिर उठा रहा है। इन कदमों से शांति प्रयासों को धक्का ही लगेगा और शायद वहां के हुक्मरान यही चाहते भी हैं।

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