महाराष्ट्र के बारामती में गहने, पैसों के लिए बहु की प्रताड़ना ! विवाहिता की आत्महत्या मामले में आख़िरकार 5 लोगों पर केस दर्ज
May 29, 2021
बारामती/सांगवी, 29 मई : सांगवी (ता – बारामती ) की गीतांजलि अभिषेक तावरे (21 ) विवाहिता की आत्महत्या मामले में आख़िरकार 5 लोगों के खिलाफ बारामती तालुका पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। मायके से 40 से 50 तोला सोना लाने की मांग को लेकर गीतांजलि को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इसी से तंग आकर उसके दवारा आत्महत्या किये जाने की शिकायत दर्ज कराई गई है।
इस मामले में ननद सचिता सचिन कालभोर (नि – लोणी कालभोर, ता – हवेली ), वर्षा वाबले (नि. पुणे ), सास शारदा वसंत तावरे, पति अभिषेक वसंत तावरे और ससुर वसंत केशवराव तावरे (सभी नि- सांगवी ) के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
गीतांजलि और अभिषेक की शादी 24 मई 2020 में हुई थी। उस वक़्त लॉकडाउन होने की वजह से बहुत कम लोगों की मौजूदगी में सांगवी में यह विवाह संपन्न हुआ था। विवाह पूर्व हुई बात के अनुसार 7 तोला सोना, 1 लाख रुपए कैश और डेढ़ लाख रुपए का घरलू सामान दिया गया था।
विवाह के दिन ननद सचिता ने गीतांजलि को कहा था कि तुमने मेरे भाई की शादी धूमधाम से नहीं की। गांव से बारात नहीं निकली। केवल सात तोला सोना देकर हमारी इज्जत ले ली। इस तरह से गीतांजलि को अपमानित किया था। गीतांजलि ने दूसरे दिन जब पिता ने फ़ोन किया तो यह सारी बात बताई। उस वक़्त पिता ने समझाया था मैं सोलाव्या पूजा में उनसे बात करूंगा। तुम दिल से मत लो।
विवाह के दिन ही सास शारदा ने ताना मारा था, अच्छा सूटकेस, बैग नहीं मिला। छोटे और बोरी में भरकर कपड़े दिए है। पति अभिषेक ने कहा कि तुम्हारे बाप के पास इतना भी नहीं है क्या ? ये कैसी हल्की साड़ी शादी में दी है। यह कहकर साड़ी गीतांजलि पर फेंक दिया और कहा अपने बाप से कहो हमारी बराबरी करने के लिए 50 तोला सोना दे।
सोलावा पूजा के दिन यादव बेटी के घर आये। बेटी ने अपने साथ हुई घटना का जिक्र पिता से किया। पूजा के बाद उसी दिन गीतांजलि मायके आ गई। उसने घर में ससुराल में हो रहे अपमान के बारे में बताया। उसे समझा कर चार दिन के बाद मायके के लोग उसे ससुराल छोड़ने आये। इस दौरान ससुराल वालों ने उससे पूछा की अच्छी साडी लाई हो क्या ? सोने के गहने लाई हो? इसके बाद उसे दो घंटे तक घर से बाहर रखा। इसके बाद घर से झोला देकर भिखारी की तरह 20 तोला सोना नहीं देते आपकी बेटी को रहने नहीं देंगे। इसके बाद किसी तरह से उसे घर में प्रवेश दिया। इसके बाद उसके मायके वालों ने किसी तरह से पैसों का जुगाड़ कर पांच तोला सोना दिया। इसके बाद भी ससुराल वालों का लालच कम नहीं हुआ। पैसों को लेकर गीतांजलि को तंग करना जारी रखा गया।
24 मई को शादी की सालगिरह पर मायके वालों ने गीतांजलि को फ़ोन किया। गीतांजलि ने बताया किस बात की शुभकामना दे रही हो, दो नन्द आई हुई है। आज मेरा मरण दिन है। ननद और पति ने मुझे मारा है। इसके अगले दिन सुबह ससुर ने गीतांजलि के घर वालों को बताया कि गीतांजलि ने खेत में फ़ब्बारनी के लिए लगने वाली दवा खा लिया है। इसके बाद मायके वाले तुरंत बारामती पहुंचे। गीतांजलि को पुणे के केईएम हॉस्पिटल में उपचार के लिए लाया गया था। लेकिन उपचार के दौरान 27 मई को उसकी मौत हो गई। 28 मई को नाराज मायके वालों ने बेटी का अंतिम संस्कार किया। इसके बाद मामले में शिकायत दर्ज कराई गई।