भारत की सख्त मांग, कुलभूषण जाधव को बिना किसी रोक काउंसिलर एक्सेस दे पाकिस्तान

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नई दिल्ली : ऑनलाइन टीम – पाकिस्तान के जेल में बंद भारत के रिटायर्ड नेवी अफसर कुलभूषण जाधव के काउंसुलर एक्सेस को लेकर एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान से बात की है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से सख्त तेवर में कहा है कि कुलभूषण जाधव के मामले में बिना किसी बाधा के काउंसुलर एक्सेस दे। विदेश मंत्रालय की तरफ़ से गुरुवार को एक ब्रीफ़िंग में आधिकारिक तौर पर इसपर बयान दिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने समीक्षा याचिका दायर करने से इनकार कर दिया था। भारत ने कहा कि उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था।

कुलभूषण जाधव तक बिना किसी रोक-टोक के पहुंचने की मांग –
भारत ने पाकिस्तान से कहा कि आप कॉन्सुलर एक्सेस के दौरान बातचीत की भाषा को सिर्फ इंग्लिश नहीं कर सकते हैं। भारत चाहता है कि पाकिस्तान दो अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से मिलने की अनुमति दे। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कुलभूषण जाधव की जान बचाने को लेकर हम अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे। भारत जाधव को बचाने के लिए सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है। भारत का कहना है कि नेवी के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान ले जाया गया। वहां उन्हें जासूसी और आतंकवाद के झूठे मुकदमे में फंसाकर मौत की सज़ा सुना दी गई। सैन्य अदालत न जाधव को बचाव का कोई मौका भी नहीं दिया।

पाकिस्तान अगर अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्देशों का उचित रूप से पालन नहीं करता है तो भारत फिर अंतराष्ट्रीय अदालत के पास शिकायत लेकर जाएगा। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय अदालत के फ़ैसले के अनुरूप काम नहीं कर रहा और आंख में धूल झोंकने की कोशिश कर रहा है। भारत का कहना है कि जाधव को अपने दबाव और प्रताड़ना में रखकर पाकिस्तान उनसे मनचाही बातें करवाता है। पाकिस्तान के इस दावे को भारत ने नाटक करार देते हुए कहा कि जाधव को अधिकार छोड़ने के लिए ‘मजबूर’ किया गया है।

मामले में अब तक क्या हुआ –
कुलभूषण जाधव 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। पाकिस्तान आरोप लगाता है कि जाधव एक जासूस हैं। हालांकि भारत कई बार इस दावे को नकार चुका है। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने तीन मार्च 2016 को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया था। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में 2017 को इस मुद्दे को उठाया था। पिछले साल जुलाई में अदालत ने पाकिस्तान से कहा था कि वो कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच दे और फांसी की सजा पर दोबारा विचार करे।

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